नालंदा विश्वविद्यालय को खत्म करनेवाला जेएनयू को खत्म कर रहे क्या??

मुंबई प्रतिनिधी चक्रधर मेश्राम
दि. २ एप्रील २०२१
भारत एक ऐसा देश है जहां आस्था की बात करें तो हैलीकॉप्टर से फूल बरसाए जाते है / और शिक्षा की बात करें तो सिर पे लाठी बरसाई जाती है।
दूध नाले में और मूत प्याले में
इसीलिए मेरा देश उजाले में
नहीं जा रहा है। यही देश मे चल रहा है. “नालंदा विश्वविद्यालय को खत्म करने वाले, आज JNU को खत्म कर रहें हैं।”?? चाल वही बस सोच नई!! दिखाई दे रही है. / SC/ST/OBC के लोग राम मंदिर ट्रस्ट में पुजारी के लिये आवेदन करके देखे, हिन्दू होने का भ्रम दूर हो जायेगा! भारत में अंबेडकर के बारे में इसलिए नहीं पढ़ाया जाता ..क्योंकि लोग कानून सीख जाएंगे तो ऊन भटकंती की गुलामी कौंन करेगा?
गंगा हमारे लिए पवित्र है,
गंगाजल सिर्फ हमारे लिए पवित्र है!! फिर भी मैंने बनारस में बिसलेरी की बोतल बिकते देखी है!! अंधविश्वास खतरे में हैं, इसलिए शिक्षा को ओर महँगा किया जा रहा है, ताकि अक्ल के बैलो को अंधविश्वास के हल मे जोता जा सके!?? शिक्षा,रोजगार के लिए आन्दोलन करना पड़े और मंदिरो के लिए बिना मांगे धन बरसे तो,??? देश विश्वगुरू नही पाखण्डगुरू ही बन सकता है।“`
एक बात ओर , अगर न्यूटन भारत में पैदा होता, तो ऊपर से गिरे सेब को दैवीय फल मानकर अपनी बीवी को खिला देता और वो गर्भवती हो जाती नियम वगैरह नही बनते ओर न नोबल मिलता बस रोजगार शुरू हो जाता।?? संविधान जैसे ग्रन्थ को पढोगे तो हक और अधिकार मांगोगे और अगर धार्मिक ग्रंथ पढोगे तो पत्थर की मूर्ति के सामने केवल भीख मांगोगे तय आपको करना है कि आप किस दिशा में अपना प्रयास करते हो बाकी लोगों के ऊपर है /देश के लोगों का मान सम्मान स्वाभिमान छीनने वाले दुश्मनों का सत्यानाश होगा। जब शेर जागेगा तो लुटेरा गीदड़ दुम दबाकर भागेगा।।अंधविश्वास भगाने के लीये
आत्मविश्वास जगाओ ऒर जगाने की जरूरत है/ सवेरा और उजाला तब नहीं होता जब सूर्योदय होता है, उसके लिए आंखें भी खोलनी पडती है।