राजकीय हेडलाइन

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने डोर स्टेप बैंकिंग का शुभारम्भ किया

Summary

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9 सितंबर, 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) द्वारा डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं का शुभारंभ किया है. इस सेवा का उद्देश्य ग्राहकों को उनके डोरस्टेप (द्वार) पर बैंकिंग सेवाओं की सुविधा प्रदान करना है. […]


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9 सितंबर, 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) द्वारा डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं का शुभारंभ किया है. इस सेवा का उद्देश्य ग्राहकों को उनके डोरस्टेप (द्वार) पर बैंकिंग सेवाओं की सुविधा प्रदान करना है.


केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी करके यह कहा है कि, EASE रिफॉर्म्स के एक हिस्से के तौर पर, कॉल सेंटर, वेब पोर्टल या मोबाइल ऐप के सार्वभौमिक टचपॉइंट्स के माध्यम से ग्राहकों को उनके दरवाजे पर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए इन डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं की परिकल्पना की गई है.

ग्राहक इन माध्यमों से अपने सेवा अनुरोधों की मौजूदा स्थिति के बारे में पता करने में भी सक्षम होंगे.

इन डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं से सभी ग्राहकों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग लोगों को लाभ होगा, जिनके लिए अब इन सेवाओं का लाभ उठाना काफी आसान होगा. इन् सेवाओं का उद्देश्य परेशानी मुक्त और सुविधाजनक बैंकिंग तक पहुंच में सुधार करना है.

• यह डोरस्टेप बैंकिंग सेवा अपने बैंक ग्राहकों को सुविधा प्रदान करने में मदद करेगी.

• देश भर में 100 केंद्रों पर चयनित सेवा प्रदाताओं द्वारा तैनात डोरस्टेप बैंकिंग एजेंटों द्वारा ये सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं.


• सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ग्राहक नाममात्र शुल्क पर इन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे.

• वर्तमान में ग्राहकों के लिए केवल गैर-वित्तीय सेवाएं जैसेकि चेक, डिमांड ड्राफ्ट या पे ऑर्डर लेना ही उपलब्ध हैं.

• PSBs की ये पूर्ण वित्तीय सेवाएं अक्टूबर 2020 से ग्राहकों के घर पर उपलब्ध कराई जाएंगी.

• सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने EASE 2.0 सुधार एजेंडा शुरू करने के बाद से चार तिमाहियों में अपने प्रदर्शन में एक मजबूत प्रवृत्ति दिखाई है.

• पिछले मार्च, 2019 और इस साल मार्च, 2020 के बीच PSBs का समग्र EASE इंडेक्स स्कोर 37 प्रतिशत तक बढ़ गया, जिसके तहत 100 प्रतिशत में से औसत स्कोर 49.2 से बढ़कर 67.4 तक सुधरा है.

• इसके अलावा, इस सुधार एजेंडा के छह विषयों में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है, जिसमें जिम्मेदार बैंकिंग, शासन और मानव संसाधन और क्रेडिट ऑफ-टेक के विषयों में MSMEs के लिए उदयमित्र के तौर पर PSBs जैसे विषयों में उच्चतम सुधार को देखा जा रहा है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकांश ग्राहक अब कम से कम 35+ बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं जिनमें इंट्रा-बैंक ट्रांसफर, एनईएफटी, आईएमपीएस, आरटीजीएस, खातों का विवरण और मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग पर चेक बुक का अनुरोध और 23 सेवाएं जैसेकि, चेक बुक जारी करना, चेक स्थिति, फॉर्म 16A जारी करना, कॉल सेंटर के माध्यम से डेबिट कार्ड को ब्लॉक/ सक्रिय करना आदि शामिल हैं.

कुल मिलाकर, पिछले 24 महीनों में डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता लगभग दोगुनी हो गई है. मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग पर लगभग 4 करोड़ सक्रिय ग्राहक हैं, जिनके द्वारा विभिन्न मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग चैनलों के माध्यम से वित्तीय लेनदेन में 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और ये ग्राहक देश  में विभिन्न डिजिटल चैनलों के माध्यम से लगभग 50 प्रतिशत वित्तीय लेनदेन करते हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ साल पहले डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं के बारे में निर्देश जारी किया था और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने सभी ग्राहकों के लिए इन सेवाओं की व्यवस्था करने के लिए एक सामान्य सेवा प्रदाता नियुक्त करने का फैसला किया था. शुरुआत में, यह डोरस्टेप बैंकिंग सुविधा वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगों के लिए उपलब्ध कराई गई थी, जिनके लिए बैंक शाखाओं में जाना मुश्किल होता है.

कोविड -19 महामारी और उसके बाद जारी लॉकडाउन के दौरान, RBI ने यह सूचित किया है कि, कमजोर आयु समूह (70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक) और दिव्यांग श्रेणी के तहत आने वाले सभी लोग भारत में इन बैंकिंग सेवाओं का पूरा लाभ उठा सकते हैं.

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