समाजसेवी अरविंदकुमार रतूड़ी संत कबीरदास महाराज राष्ट्रीय गौरव सम्मान से सम्मानित
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।।प्रेस नोट।। समाजसेवी अरविंदकुमार रतूड़ी संत कबीरदास महाराज राष्ट्रीय गौरव सम्मान से सम्मानित नागपुर नंदनवन दिनांक १५/०७/२०२२ युवा संघर्षशील समाजसेवी विभिन्न सामाजिक संगठनों के संस्थापक अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार कार्यकर्ता अरविंदकुमार रतूड़ी को मानवता इंसानियत के महान पुजारी […]

।।प्रेस नोट।।
समाजसेवी अरविंदकुमार रतूड़ी संत कबीरदास महाराज राष्ट्रीय गौरव सम्मान से सम्मानित
नागपुर नंदनवन दिनांक १५/०७/२०२२ युवा संघर्षशील समाजसेवी विभिन्न सामाजिक संगठनों के संस्थापक अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार कार्यकर्ता अरविंदकुमार रतूड़ी को मानवता इंसानियत के महान पुजारी संत कबीरदास महाराज की पावन पुनीत जयंती के शुभ अवसर पर सालों से रतूड़ी द्वारा शौषित पीड़ित और निराधार लोगों के संरक्षण और उनके परिवार के स्वास्थ्य शिक्षा तथा मौलिक अधिकारों के लिए लड़ने और समय समय पर उन्हें निःशुल्क कानूनी मदद उपलब्ध करवाने एवं विभिन्न प्रकार के देशहित जनकल्याणकारी कार्यो जो कि निःशुल्क,निस्वार्थ निर्भीक,निष्पक्ष ३० सालों से निरंतर चले आ रहे है और खासकर कोविड 19 वायरस महामारी में एक निर्भीक करोना योद्धा बनकर मार्च २०२० से लगातार वर्तमान समय तक अपनी इंसानियत मानवतावादी सेवा देने असंख्य ज़रूरतमंद लोगों, बेसहारा गरीबों को जीवन आवश्यक सामग्री दान करने, परप्रांतिय लोगों, छात्रों,मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने,कोविड वायरस से बचने हेतु जनजागृति अभियान चलाने, गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन,दवाइयां कम दरों में मुहैय्या करवाने,अस्पतालों में बिल कम करवाने,बैड मुहैय्या करवाते हुए भर्ती करवाने,नक़ली दवाईयों के गिरोह पकड़ने के साथ साथ लगभग ३३०० से उपर करोना मृतकों का अंतिम संस्कार उनके धर्म मजहब और रीति-रिवाजों से स्वयं के खर्चे से करने के लिए एकता फाउंडेशन और ग्लोबल एकता मीडिया द्वारा संत कबीरदास महाराज राष्ट्रीय गौरव सम्मान पत्र २०२२ से सम्मानित किया गया संस्थान के अध्यक्ष श्री डॉ.जय रामटेक द्वारा यह सम्मान पत्र दिया गया और रतूड़ी के कम उम्र से ही निरंतर चले आ रहे मानवतावादी सामाज कार्यो की भूरी भूरी प्रशंसा डॉ जय रामटेक द्वारा की गई सम्मान पत्र मिलने पर श्री रतूड़ी द्वारा कहा गया कि यह सम्मान मिलना मेरे और मेरे समाज कार्य के एक अविस्मरणीय गौरवशाली दिन है और अब देश धर्म के प्रति मेरी ज़िम्मेदारी चौबीसों घंटे बढ़ गई है और मानवता का दायित्व भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है यह सिर्फ सम्मान पत्र नहीं है बल्कि मेरे लिए प्रेरणा है आख़री सांसों तक देशसेवा,समाज सेवा करने के लिए मुझे मेरे कर्तव्य निभाने की याद दिलाते रहने के लिए समाजसेवा में जो सम्मान और सम्मान पत्र मिलते हैं वहीं हमारी सामाजिक जिंदगी की असली कमाई होती है और हमारी पहचान होती है रतूड़ी ने यह सम्मान अपने स्वर्गीय माता-पिता परिवार के अलावा देश के सभी शौषित पीड़ित निराधार लोगों को को समर्पित किया है