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खरीफ की तैयारी, खेतों में जुटे किसान- मानसून के आगमन की आहट के साथ ही किसानों किया खेती का रूख सोयाबीन के बयाज कपास के फसल के फसल पर जोर

Summary

काटोल-संवाददाता -दुर्गाप्रसाद पांडे देश में वैश्विक महामारी कोव्हिड 19का प्रकोप जारी है, देश अनेक राज्यों के साथ महाराष्ट्र में भी कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिये *मिशन ब्रेक द चेन* के तहत राज्य में लाकडाऊन लगाया गया है । […]

काटोल-संवाददाता -दुर्गाप्रसाद पांडे
देश में वैश्विक महामारी कोव्हिड 19का प्रकोप जारी है, देश अनेक राज्यों के साथ महाराष्ट्र में भी कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिये *मिशन ब्रेक द चेन* के तहत राज्य में लाकडाऊन लगाया गया है । वहीं अच्छे मानसून के आगमन की तैयारी के साथ ही अच्छे किसानी की उम्मीद पाले किसानअपने खेत-खलिहानों में व्यस्त हो रहे हैं। किसान सुबह से ही परिवार के साथ खेतों में पहूंच कर खेतों की सफाई कर रहे है। विरान रहने वाले खेतों में अब किसानों की चहल-पहल शुरू हो गई है। खेतों मेढों के साथ साथ कंटीली झाडिय़ां व कचरे को साफ कर रहे है। इसके अलावा किसान ट्रैक्टरों व हलों के सहारे खेतों जुताई तथा भी मरम्मत करवा रहे हैं।
किसानों का कहना है कि बारिश से पूर्व ही खेत-खलिहानों की सफाई कर तैयार किया जा रहा है, जिससे बारिश होने के साथ ही खरीफ फसल की बुवाई हो सके। किसानों को इस बार भी अच्छे मानसून की उम्मीद है। कई किसानों ने खेतों में जुताई कर रखी है। किसानों का कहना है कि पिछले दस दिनों से तप रही तेज धूप के बाद आगामी माह में बारिश के आने की उम्मीदें भी तेज हो गई है। तहसील कृषि विभाग ने भी खरीफ फसल की बुवाई को लेकर तैयारियां कर रखी है। विभाग ने इस बार खरीफ फसल के लक्ष्य भी पिछले साल के मुकाबलें करीब 54000 हैक्टेयर अधिक रखा है। अधिकारियों का कहना है कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में मानसून पहुंच जाता है, समय पर बारिश होने पर यह बुवाई हो सकेगी।
कृषी विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार विगत वर्ष से इस वर्ष सोयाबीन से अधिक कपास के फसल की तिन हजार हेक्टर की अधिक बुआई होने की जानकारी मिली है. वहीं विगत वर्ष सोयाबीन फसल पर खोडकिडा तथा अन्य फंगस के प्रादुर्भाव के चलते उत्पादन में भारी कमी आयी है, इस वर्ष सोयाबीन बीज के दाम बढाये गये है. इस वर्ष कंपनीयों द्वारा सोयाबीन 10350से11500प्रति क्विंटल तथा किसानों के पास की सोयाबीन 8000से10000रुपये के भाव से बेची जा रही है. उसमे भी बीज की उगाई (उगवण)क्षमता पर भी प्रश्न चिन्ह उपस्थित किए जाते रहे है.इसलिये अब इस वर्ष सोयाबीन बुवाई के बजाय कपास को प्राथमिकता दे रहे है.
तहसील में इस बार 54000 हैक्टेयर में खरीफ फसल के बुवाई का लक्ष्य रखा है। तहसील कृषि अधिकारी सुरेश कन्नाके तथा मंडल कृषी अधिकारी विक्रम भांबरी के मुताबिक में
तृण,,तिलहन , दलहन , साग सब्जबाग, फुल खेती कुल 54000हेक्टर में खेती के नियोजन होने की जानकारी दी है ।
इस वर्ष काटोल तहसील के खरिफ फसल के लक्ष
ज्वार-1000हे,मकान-500हे,तुअर-9000, उडद-600 हे,मूंग-700हे, (मुंगफल्ली)भूईमूग-1200हे,सोयाबीन 10000हे, कपास-29000हे, गन्ना 50हे, सब्जी भाजी बागान-500हे, फुल खेती 150हे कुल 54000
हजार, हेक्टर का खरिफ फसल का नियोजीत लक्ष रखा गया है यह जानकारी कृषी अधिकारीयों द्वारा बताया गया है ।
*अब मानसुन के दस्तक की आहट*
खेती किसानी के लिये अधिकतर किसान ट्रैक्टर से ही खेत को साफ करने के साथ साथ बुआई करना तथा खेती के उत्पादीत ( माल) फसल को घर तथा बाजार ले जाने के लिये भी ट्रेक्टर तथा अन्य वाहनों का उपयोग करते हैं । पर डिजल के दाम बढने, खेती में मजदूरों रोजी, महंगे खाद तथा बीज साथ ही अनेक बार बीज की गुणवत्ता पर भी अनेक किसानों को दूबारा तिबारा बुआई भी करना पडता हैं. वहीं अब मानसुन की आहट मिल गयी है. काटोल के किसानों द्वारा इस वर्ष सोयाबीन से अधिक कपास के फसल पर दांव लगा रहे है.
यह जानकारी यहाँ के किसान (
योगेश पाटील गोतमारे, प्रकाश बारंगे, सुरेन्द्र सिंह व्यास, भास्कर राव शराब, रमेश वंजारी, याकूब पठाण, प्रकाश वाघमारे, कृष्णराव किनेकर, चंद्रशेखर ढोरे, हरीष राठोड, आदी किसानों ने जमीनी हकिकत बताई,

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