महाराष्ट्र हेडलाइन

रेत माफीया जिला प्रशासन पर भारी? आर टी ओ- राजस्व- विभाग की अर्थपूर्ण चुप्पी!

Summary

संवाददाता -काटोल जिला प्रशासन के आंखो मे रेत झोंक कर रात -दिन रेत का अवैध (यातायात)परिवहन! नागपुर जिले में रेत निकलने पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद भी रेत माफिया हर रोज कन्हान नदी को खोद रहे हैं । जैसा कि […]

संवाददाता -काटोल
जिला प्रशासन के आंखो मे रेत झोंक कर रात -दिन रेत का अवैध (यातायात)परिवहन!
नागपुर जिले में रेत निकलने पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद भी रेत माफिया हर रोज कन्हान नदी को खोद रहे हैं । जैसा कि रेत मफायाओं ने राजस्व, परिवह (आर टी ओ),तथा गृह (पुलीस)विभाग के अधिकारियों के आंख में मिर्च पावडर के बजाय रेत झोंकी गयी हो। जिस कारन नागपुर जिले के कन्हान सावनेर , खापा से नागपुर , वर्धा, अमरावती जिलें मे चाराओर रेत के अवैध परिवहन जोरों होने के बाद तथा जानकारी देने के
जानकारी होने के बावजूद भी नागपुर मुख्यालय से 25किमी तथा सावनेर उपविभाग से 18कि मी दूरी के कन्हान तथा खापा क्षेत्र से बहने वाली कन्हान नदी से बड़ी मात्रा मे अवैध रेत उत्खनन तथा परिवहन रोज आधी रात तथा अल सुबह तक रेत निकाली जाती है और रात माफिया महाराष्ट्र के वर्धा, अमरावती , नागपुर शहर तथा ग्रामीण आंचल के साथ म प्र तक रेत भेज रहे हैं ।
यह रेत सावनेर -खापा -काटोल -कलमेश्वर, -कोंढाली होते हुये भारी वाहनों (हायवा-एल पी-12चक्का)से 30 से 35 टन राती अमरावती के ओर डोई जाती है ।
[: इस घटना को लेकर राजस्व, परिवहन, तथा गृह विभाग की चुप्पी, रेत माफियाओं के अवैध खनन तथा यातायात को मुक सम्मती मानी जा रही है ।
*रेत घाट बंद फिर भी उत्खनन जोरो पर!*
नागपुर जिले के रेत घाटों के उत्खनन पर बंदी है। फिर भी यहां उत्खनन तथा जिले के अनेक तहसीलों के साथ अमरावती, वर्धा जिले में अवैध रेत याता यात जोरो पर बताया जाता है फलस्वरूप फोर लेन के सर्हिस रोड की हालत बद से बदतर हो रही है!

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