भारत की वैक्सीन विदेशी बरसे. . विश्वगुरू या गुरूघंटाल ?? आखिर क्यों सब बेच रही सरकार?
भारत को विश्वगुरू बनाने का संकल्प केंद्र की मोदी सरकार, तुनकमिजाजी मे ऐंसे… ऐंसे कदम उठा रही है की. देश का बंटाढार होने लगा है.| इन कदमों की आलोचना और असहमती उसेन बर्दाश्त नही होती. और मनमानी पर मनमानी की जा रही है. हमेशा राष्ट्रवाद की डोंगर हाॅकनेवालों को वैक्सीन मे राष्ट्रवाद दिला नही देता. तरी तो भारत की जनता अपनी वैक्सीन के लिए तरस रही है… और महाराष्ट्र की वैक्सीन 150 देशों मे बरसाई जा रही है… आखिर ऐसा क्यों.?? जनता की छाती पर भारी टॅक्स का मुंग यह सरकार क्यों ” न्यू इंडिया ” का निर्माण करणे जा रही है.?? क्या सिफऀ दुनिया की वाहवाह लुटने और मुखिया को वल्डऀ हिरो बनाने के लिए ये सरकार एक्सप्रेस वे, मेट्रो, रेल्वे, नये हवाई अड्डे, उचे पुल, स्टॅच्यू आदी को क्यों साकार कर रही है?? रसातल मे पहिली अर्थव्यवस्था को गती देने के लिए बॅक, रेल्वे, बंदरगाह, आदी को निजी हाथों बेटे लगी है.. इससे भारत विश्वगुरू बनेगा क्या?? की रहेगा सिंग गुरूघंटाल?? बताओ मोदीजी?? पिछले नौ सालो मे भारत की वैश्विक रेटिंग मे 9 अंको से गिरावट आयी है. वी डेम फाउंडेशन ने स्वतंत्र देशो स्वतंत्र देशों की श्रेणी मे भारत को पिछले पायदान पर रखा. ” निर्वाचित तानाशाही “है. किसान आंदोलन के समर्थन मे पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्क, अमेरिकी उपराष्ट्रपती कमला हॅरीस की भतिजी मिना हॅरिस , गायिका रिहाना, अभिनेत्री सुरु सारंडन जैसे कई विदेशी हस्तीयो ने ट्विट करके नाराजगी व्यक्त की.. फिर भी भारत की मोदी सरकार नही चेत रही. ये देश को “गुरूघंटाल ” बनाने मे लगा है.
मुंबई
प्रतिनिधी
चक्रधर मेश्राम