नागपुर महाराष्ट्र हेडलाइन

महामानव बाबा साहेब की १३२वीं जयंती मानवतावादी सुविचारों से मनाई गई

Summary

           नागपुर सक्करधरा बालीवुड सेंटर में महामानव भारत रत्न संविधान रचियता डॉ बाबासाहेब रामजी आंबेडकर की १३२वीं पावन जयंती समाजिक संगठनों किंग कोबरा आर्गेनाइजेशन यूथ फोर्स ,राष्ट्र निर्माण की और दो कदम, नारी शक्ति एक सम्मान […]

           नागपुर सक्करधरा बालीवुड सेंटर में महामानव भारत रत्न संविधान रचियता डॉ बाबासाहेब रामजी आंबेडकर की १३२वीं पावन जयंती समाजिक संगठनों किंग कोबरा आर्गेनाइजेशन यूथ फोर्स ,राष्ट्र निर्माण की और दो कदम, नारी शक्ति एक सम्मान ,और पशु क्रूरता के ख़िलाफ़ जंग नागपुर महाराष्ट्र की तरफ से मानवतावादी सुविचारों के साथ बड़ी शालीनता से मनाई गई सर्व प्रथम उपरोक्त सामाजिक संगठनों के संस्थापक अध्यक्ष और समाजसेवी अरविंदकुमार रतूडी ने बाबा साहेब के पुतले और फोटो को पुष्प हार पहनाकर कर शीश वंदना समर्पित की इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर सक्करधरा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक धनंजय पाटिल उपस्थित थे पुष्प हार पहनाकर भीम वंदना और सर्व धर्म समभाव वंदना का पाठ किया गया इस मौके पर उपस्थित लोगों से अरविंद कुमार रतूडी ने अपने संभाषण में कहा कि देश का सबसे बड़ा ग्रंथ अगर कोई है तो वह है भारतीय संविधान और इसे स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए और हर देशवासियों के घरों में संविधान की पुस्तक होनी चाहिए जिससे कि प्रत्येक इंसान को अपने मौलिकता और स्वतंत्रता के अधिकारियों का ज्ञान रहें और हर व्यक्ति जाति धर्म पंथ मजहब से उपर उठकर राष्ट्र धर्म सर्वोपरि समझ कर राष्ट्र निर्माण में योगदान देकर भारत को विश्वगुरु बनाने में अपना योगदान दे आज जरूरत है कि लोग रक्तदान देहदान नेत्रदान अंगदान करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण को अपनी नैतिक जिम्मेदारी कर्तव्य निर्वहन समझे इसी के साथ रतूडी ने कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि मेरी दुश्मनी ना किसी जातिय समुदाय से है ना किसी वर्ण विशेष से है ना किसी धर्म से है ना किसी इंसान से है बल्कि मेरी दुश्मनी जातिय असमानता से वर्ण व्यवस्था से अंध विश्वास और पाखंड से तथा इनको बढ़ावा देने वाले लोगों से है और ऐसे ही मानवतावादी क्रांतिकारी विचारों को देश के कोने कोने तक जन जन तक पहुंचाने की जरूरत है इस मौके पर पुलिस स्पेशल ब्रांच के अधिकारी सुनील सरदार सुनील भुजाडे सक्करधरा गोपनीय शाखा के मधुकर टुले पंकज कुभंलकर ममता मेश्राम के साथ ही कई राजनैतिक और सामाजिक गणमान्य लोग उपस्थित थे

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