मनीषा वाल्मीकि को न्याय दो।
सीमा सोने कर
हाथरस, यूपी: उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras gang rape) की दुष्कर्म पीड़िता दलित लड़की मनीषा ने पन्द्रह दिनों तक जीवन और मौत के बीच जुझते हुए मंगलवार को दम तोड़ दिया। मनीषा (ManishaValmiki) के निधन के बाद ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और वे सड़कों पर उतर आए। लोगों ने इस मामले की सुनवाई फास्ट कोर्ट में करने की मांग की है।
कौन है मनीषा वाल्मीकि
मनीषा एक दलित समाज की लड़की है, जिसके साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गई। बीते 14 सितंबर को सामूहिक बलात्कार के बाद आरोपियों ने उसकी जीभ काट दी और रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। बीते सोमवार को पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। यहां इलाज के दौरान मनीषा ने दम तोड़ दिया।
15 दिन बाद जब मामले लोगों के संज्ञान में आया तब राज्य सरकार और पुलिस की नींद खुली। उसके साथ हुई दरिंदगी की पुष्टि करते हुए, हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया कि आरोपियों ने उसकी जीभ काट ली थी। उन्होंने बताया कि पहले पुलिस ने छेड़खानी का मामला दर्ज किया था। लेकिन बाद में युवती के बयान के आधार पर लोगों पर एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम, गैंगरेप और हत्या के प्रयास के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक दुष्कर्म के चारों आरोपी सामान्य वर्ग के बताए जा रहे हैं। इनमें से पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। युवती के भाई ने आरोपी संदीप के खिलाफ शिकायत दर्ज की। संदीप के अलावा उसके चाचा रवि और उसके दोस्त लव कुश को गिरफ्तार किया गया है, एक चौथा आरोपी, रामू अभी फरार है।
दलित संगठनों ने उठाई आवाज
इस घटना पर आक्रोश व्यक्त भी दलित समाज के नेताओं ने ही किया है। बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया कि “अनुसूचित जाति के लड़की को पहले बुरी तरह पीटा गया। फिर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। जो शर्मनाक और निंदनीय है। यहां बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।”
सीमा सोने कर
बालाघाट न्यूज रिपोर्टर