2580 करोड़ का समझौता किया रक्षा मंत्रालय ने पिनाका रॉकेट लांचर खरीदने के लिए।
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत छह सेना रेजिमेंटों के लिए पिनाका रॉकेट लांचर खरीदने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ 2580 करोड़ रुपये के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं.
रक्षा मंत्रालय की अधिग्रहण विंग ने 31 अगस्त, 2020 को लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी), टाटा पावर कंपनी लिमिटेड (टीपीसीएल) और भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) सहित विभिन्न भारतीय कंपनियों के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. यह एक आधिकारिक बयान के माध्यम से मंत्रालय द्वारा सूचित किया गया था.
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह और केंद्रीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण से उचित अनुमोदन के बाद ही अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे.
मुख्य विशेषताएं
• इस नई डील के तहत, रक्षा मंत्रालय छह पिनाक रेजिमेंट्स की खरीद करेगा, जिसमें 114 रॉकेट लॉन्चर्स के साथ-साथ स्वचालित बंदूक लक्ष्य और स्थिति निर्धारण प्रणाली (AGAPS) होंगे और टाटा पावर कंपनी लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो के 45 कमांड पोस्ट होंगे.
• इसी तरह, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड मंत्रालय को ऐसे 33 वाहन प्रदान करेगा, जिन पर रॉकेट लॉन्चर लगाए जाएंगे.
• भारतीय सेना के रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी को इन छह पिनाका रेजिमेंट्स की आपूर्ति की जाएगी. वे सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों को बढ़ाने के लिए चीन और पाकिस्तान के साथ भारत की उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर तैनात किए जाएंगे.
• पिनाका रेजीमेंट्स का इंडक्शन वर्ष 2024 तक पूरा करने की योजना है. इन हथियार प्रणालियों में 70 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री होगी.
महत्व
यह फ्लैगशिप प्रोजेक्ट भारत सरकार के तत्वावधान में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रदर्शित करेगा, जो अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों को बनाने में एक आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए बहुत आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा.
पिनाका रॉकेट लॉन्चर
पिनाका एक एकाधिक रॉकेट लॉन्चर प्रणाली है, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी तौर पर डिजाइन किया गया है.
मार्क- I के लिए सिस्टम की अधिकतम सीमा 40 किमी और मार्क- II मिसाइलों के लिए 75 किमी है. यह रॉकेट लॉन्चर सिस्टम आसान गतिशीलता के लिए एक टाट्रा ट्रक के ऊपर रखा जा सकता है.
इस पिनाका रॉकेट लॉन्चर का उपयोग कारगिल युद्ध के दौरान किया गया था, जहां यह पहाड़ की चोटी पर दुश्मन की उपस्थिति को समाप्त करने में सफल रहा था. तब से, इसे बड़ी संख्या में भारतीय सेना में शामिल किया गया है.