शहादत दिवस: पुरे झारखंड मे निर्मल महतो का शहादत दिवस मना।”

प्रेस विज्ञप्ति:
गणेश प्रसाद महतो,बोकरो,झारखंड से।
शहादत दिवस: पुरे झारखंड मे निर्मल महतो का शहादत दिवस मना।”
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स्व0 निर्मल महतो का 35 वाँ शहादत दिवस झारखंड राज्य मे विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठनो ने मनाया। झारखंड मुक्ति मोर्चा, आजसू
,आदिवासी कुडमी समाजने राजधानी
से लेकर सभी जिलों ,प्रखंडो व नगरो मे यह कह कर मनाया कि “निर्मल महतो का योगदान नहीभूलेगा झारखण्ड”, “निर्मल महतो के अधुरे सपने को पुरा करेंगे” और “शहीद तेरे
अरमानो को मंजिल तक पहुँचायेंगे।”
शहीद निर्मल महतो की हत्या झारखंड के टाटा मे शोषको,गुंडों के द्वारा पूंजीपतियोँ ने वर्ष 1987 के 8अगस्त को करा दी थी। ये झारखंड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव के पद पर आसीन होकर शोषण,दोहन अत्याचार, जुल्म,लूट,के खिलाफ लड़ते हुए झारखण्ड अलग राज्य की लडाई लडी। निर्मल महतो का शहीद होना एक विचार, सिद्धांत का अन्त है जो गरीब, मजलूमों, असहायों, व न्याय प्रिय लोगों के लिए हमेशा एक आवाज बनकर सामने आते रहे।इस क्रांतिकारी आवाज को झारखण्ड के दुश्मनों ने शहीद कर दिया। इस दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के पुर्व विधायक योगेन्द्र प्रसाद महतो, झारखण्ड के पुर्व मंत्री उमाकान्त रजक,आजसू के वर्तमान विधायक लम्बोदर महतो,झारखंड आन्दोलन कारी सह कुडमी लिपि के आविष्कारक जाहेर कवि डा0 मुरलीधर महतो एवं हजारो की संख्या मे इस अवसर पर विभिन्न स्थानो मे अलग अलग कार्यक्रम कर के निर्मल महतो के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजली दी । कार्यक्रम राँची के सेन्ट्रल जेल के समीप, बोकारो जिला के बेरमो,चास पिन्डराजोरा,गोमिया,कसमार,नावा-ड़ीह ,पेटर वार मे कार्यक्रम संपन्न हुए। मौके पर वक्ताओं ने 1932 के आधार पर स्थानीय नीति, विस्थापन, मजदूर -किसान विरोधी नीतियों की चर्चा के साथ महंगाई की भी बात रखी।लोगों ने यह भी चिंता व्यक्त की कि झारखण्ड राज्य अलग तो बन गयाहै,लेकिन जिस मकसद के लिए झारखण्ड अलग राज्य की मांग की गई थी उन सभी बातों को भुल गए। शहीद निर्मल के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजली होगी कि उनके बताये मार्ग पर चले।