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वाटर कैनों से संतरा पेड़ो को बचाने का प्रयास

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वाटर कैनों से संतरा पेड़ो को बचाने का प्रयास  कचारी सावंगा के किसान राष्ट्रपाल पाटील का प्रयास संवाददाता-कोंढाली इस वर्ष मई जून का तापमान 44/45 तथा 46डिग्री तक चढता गया, वहीं मौसम विभाग द्वारा मानसून के आगमन के जानकारी के […]

वाटर कैनों से संतरा पेड़ो को बचाने का प्रयास

 कचारी सावंगा के किसान राष्ट्रपाल पाटील का प्रयास

संवाददाता-कोंढाली

इस वर्ष मई जून का तापमान 44/45 तथा 46डिग्री तक चढता गया, वहीं मौसम विभाग द्वारा मानसून के आगमन के जानकारी के आधार पर किसानों ने पहले अपनी अपनी संतरा मुसंबी के बागानों को तान देना शुरू कर दिया, लेकिन अब! मानसून विभाग के जानकारी के आधार पर मानसून को 15 से 20दिन लेट बताया गया है । पहले किसानों ने संतरा बागानों को तान दिये जाना, मानसून समय पर ना बरसना इस बीच नव तपा की तेज तपन के चलते संतरा बागानों के पेड़ सुकने के कगार पर है ।

तेज तपन के चलते कुओं का जल स्तर घटता गया, फल स्वरूप संतराबागान को सही समय पर पानी नही मिलने से संतरा मोसंबी बागान सुखने लगे हैं ।

वाटर कैन से बचाये जा रहे संतरा बागान

नागपूर जिले के कचारी सावंगा के संतरा बागान के किसान राष्ट्रपाल पाटील के 1500 संतारा पेड की बागवानी है। इस वर्ष के रेकार्ड तोड तेज तपन तथा नव तपा में भी 44/45/46डिग्री तक तापमान के चलते खेतों के कुओं काजल स्तर घट गया, संतरा बागान सुखने से बचाने के लिये शादी के अवसर पर उपयोग में लाई जाने वाली वाटर कैन प्रत्येक संतरे के पेड के मूल जड के पास रखकर बारीक धार के माध्यम से सभी पंधरासौ संतरा के बागानों का प्रयास किसान राष्ट्रपाल पाटील द्वारा किया जा रहा है।

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