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रजिस्ट्री कराकर नहीं दिया पैसा, नहीं दे रहे आधारकार्ड व ऋण पुस्तिका

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रजिस्ट्री कराकर नहीं दिया पैसा, नहीं दे रहे आधारकार्ड व ऋण पुस्तिका   प्रार्थी से छल,कपट पूर्वक कर रहे षडय़ंत्र,मामला डेलौरा हल्का का   सतना। नया इंडिया शहर के डेलौरा स्थित वार्ड नं.37 पटवारी हल्का नम्बर 78 में कई भूमाफिया […]

रजिस्ट्री कराकर नहीं दिया पैसा, नहीं दे रहे आधारकार्ड व ऋण पुस्तिका

 

प्रार्थी से छल,कपट पूर्वक कर रहे षडय़ंत्र,मामला डेलौरा हल्का का

 

सतना। नया इंडिया शहर के डेलौरा स्थित वार्ड नं.37 पटवारी हल्का नम्बर 78 में कई भूमाफिया गरीबी की जमीन हड़पने पर आमादा हो चुके हैं। और उनके इस खेल में हल्के में पदस्थ पटवारी संजय मिश्रा और आरआई योगेश तिवारी भरपूर सहभागिता निभा रहे हैं। पीडि़त अजीत कुमार नामदेव पिता स्व.श्री कृष्ण नामदेव निवासी डेलौरा की जमीन षडय़ंत्र पूर्वक हथियाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। पीडि़त द्वारा उक्त मामले की शिकायत जिला कलेक्टर, जिला उप पंजीयक को देकर तत्काल उक्त आराजी में मनीष मिश्रा,रतन ङ्क्षसह के द्वारा की जा रही प्लाटिंग में रोक लगाये जाने की मांग की है।

 

क्या है मामला:-

रघुराजनगर तहसील अन्तर्गत आने वाले पटवारी हल्का डेलौरा की आराजी नम्बर 714/2/2, 715/2, 716/2/2, 718 कुल रकवा 358 हेक्टेयर भूमि जो नामदेव परिवार की जमीन है जिसमें अजीत नामदेव के नाम इन आराजियों में कुल 22 डिसमिल जमीन उनके हिस्में आती है। जिसमें से अजीत नामदेव द्वारा 18 मई 2022 को 5 डिसमिल जमीन बेचने की बात मनीष मिश्रा निवासी डेलौरा से हुई। उसी समय मनीष मिश्रा द्वारा अजीत नामदेव से 7 स्लाटों फार्म में पहले ही हस्ताक्षर करवा लिये। और दो रजिस्ट्री 12-12 सौ वर्ग फिट रजिस्ट्री प्रार्थी की जानकारी की गई। लेकिन मनीष मिश्रा द्वारा आज दिनंाक न ही मेरा पूरा पैसा दिया गया और नहीं ऋण पुस्तिका व आधारकार्ड भी नहीं दे रहे हैं। इतना ही नहीं 7 मई को सीमांकन रात में किया व सीमांकन के कागजात भी प्रार्थी को आज तक मनीष मिश्रा द्वारा नहीं दिया गया। लगातार बहाना बनाकर टाला जा रहा है।

 

मामले में चल रही बड़ी साजिश

 

प्रार्थी द्वारा मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में मनीष मिश्रा द्वारा जो रकवा मेरा शेष बचा हुआ है उसमें भी प्लाटिंग की जा रही है। जबकि वह जमीन हमने आज तक बेंची ही नहीं है। ऐसी स्थित भूमाफियाओं अजीत नामदेव के आधारकार्ड सहित ऋण पुस्तिका व खाली सलााट में किये हस्ताक्षरों का दुरूपयोग किया जा सकता है। इसलिए कोई व्यक्ति उक्त आराजियों क्रय- विक्रय न करे अन्यथा नुकसान जबावदार स्वयं वहीं होगें।

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