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बोर व्याघ्र प्रकल्प के बाघ किसानों के खेतों में!  किसानों में दहशत का माहौल

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बोर व्याघ्र प्रकल्प के बाघ किसानों के खेतों में! किसानों में दहशत का माहौल कोंढाली – संवाददाता बोरअभयारण्य के जंगल से निकलकर इलाके के मासोद-कामठी, बोपापूर- जाटलापूर गांव के साथ साथ यहां के प्राचिण रामगढ गुफा के समिपस्थ गांव के […]

बोर व्याघ्र प्रकल्प के बाघ किसानों के खेतों में!

किसानों में दहशत का माहौल

कोंढाली – संवाददाता

बोरअभयारण्य के जंगल से निकलकर इलाके के मासोद-कामठी, बोपापूर- जाटलापूर गांव के साथ साथ यहां के प्राचिण रामगढ गुफा के समिपस्थ गांव के संतरा तथा सब्जियों के बागानों में विगत दो तिन दिनों से रात नव दस बजे के बाद बाघ के चहल कदमी के चलते यहां के किसानों में भय का वातावरण बताया जाता है।

*रात में ही बीजली आपूर्ति*

स्थानीय ग्रामीण आंचल में किसानों के खेती के लिये रात नव बजे के बाद ही बीजली की आपूर्ति की जाती है। इस लिये यहां के संतरा बागानों के साथ साथ सब्ज बाग की बागवानी करने वाले किसान रात में ही खेतों में बागानों के सिंचाई के आते हैं । ऐसे में रात में ही बाघ की चहल कदमी के चलते यहां के किसानों में भय का वातावरण बताया जाता । यहां के संतरा बागानों के किसान प्रकाश बारंगे, सब्जी बागानों के किसान प्रमोद धारपुरे, रामगढ में शिव गुफा में प्रतिदिन दर्शन को जाने वाले बब्लू बिसेन, संतरा बागानों के व्यापारी लक्ष्मीकांत ( बापू ) ठवले, ने बताया कि विगत चार माह के भीतर बोर व्याघ्र प्रकल्प के कोअर तथा बफर झोन के समिपस्थ वर्धा जिले के नरगाव मेट, हिरजी, येनीदोडका धानोली, क्षेत्र के एक महिला तथा एक पुरूष को अपना निवाला बना चुके हैं । वहीं अब तक नागपुर जिले के मासोद कामठी, बोपापूर, रामगढ क्षेत्र के किसानों के पशुओं (गोवंशो)को अपना निशाना बना चूके हैं । इन घटनाओं के चलते पहले ही किसानों में भय का वातावर बना हुआ था। इसी बीच 12तथा 13जुन के रात प्रमोद धारपुरे, बब्लू बिसेन तथा प्रकाश बारंगे को पट्टेवाले बाघ के दर्शन हो रहे हैं । इसकी जानकारी ग्रामीणों को मिलने से किसानों के संतरा बागानों को पानी के सिंचाई के लिये जाने से डर रहे हैं । पहले ही तेज गर्म के चलते संतरा बागान सुखने की कगार पर है। तो सिंचाई के लिये पानी है पर बीजली की आपूर्ति रात में होने से रात को सिंचाई के लिये आनेवाले किसानों के सामने बोर व्याघ्र प्रकल्प के कोअर तथा बफर झोन से बाघों के आने से किसानों में भय का वातावरण हैं ।

इस घटना की जानकारी कोंढाली के वनपरिक्षेत्र अधिकारी निशिकांत कापगते काटोल , उपविभागीय वन अधिकारी प्रज्योत पालवे को मिलते ही उन्होंने उपवन अधिकारी एफ बी पठाण के मार्गदर्शन में सावधानी के लिये रातगस्त शुरू करने के निर्देश दिये गये हैं । साथ ही

वन विभाग की टीम ने वन बल के साथ पहुंचकर बाघ की लोकेशन ट्रेस करने का काम शुरू कर दिया है। खेत में बाघ दिखने से ग्रामीणों में दहशत है। उस के लिये रात गस्त आरंभ करने की जानकारी वनपरिक्षेत्र अधिकारी निशिकांत कापगते ने दी है।

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