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पर्यावरण के दिवस पर ही ले आऊट धारकों द्वारा वृक्षों की जड़ों पर घाव!

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पर्यावरण के दिवस पर ही ले आऊट धारकों द्वारा वृक्षों की जड़ों पर घाव! गौण- खनिजों का अवैध उत्खनन ले आऊट के मुरूम उत्खनन में राजस्व विभाग को नही मिली रायलटी शिवधुरा हडपने का प्रयास?   राजस्व विभाग से जांच […]

पर्यावरण के दिवस पर ही ले आऊट धारकों द्वारा वृक्षों की जड़ों पर घाव!

गौण- खनिजों का अवैध उत्खनन

ले आऊट के मुरूम उत्खनन में राजस्व विभाग को नही मिली रायलटी

शिवधुरा हडपने का प्रयास?

 

राजस्व विभाग से जांच की मांग

कोंढाली संवादाता

दो गांवों की सीमा पर स्थित शिव धुरा को इस क्षेत्र के लेआउट बेचने वाले डेवलपर्स द्वारा पंजरा (काटे) में सर्वे नंबर 53/3 और दुधला के सर्वे नंबर 171-1 / 2के तहत शिवधुरे को लेआऊट धारकों द्वारा अपने लेऊट के उपयोग के लिये कब्जा किये जाने की शिकायत स्थानीय नागरिकों द्वारा राजस्व तथा वन विभाग के अधिकारियों को की गयी है।

वहीं हजारों की संख्या में बिना मंजूरी का मुरूम ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लादकर रायलटी भरे बिना ही मुरूम का उपयोग किया जा रहा है, वहीं यह घटना पर्यावरण दिवस पर ही बडे बडे सागौन के पेड़ की जड़ो को खोदकर आगामी बारीश मे तेज आंधी मे धाराशायी हो यह नियोजन किये जाने की सच्चाई संबधित ले आऊट धारकों द्वारा की गयी है ।

स्थानीय लोगों ने इस संबंध में काटोल के तहसीलदार, कोंढाली के नायब तहसीलदार, साथ ही इन गांवों के ग्राम अधिकारी (पटवारी) वन विभाग के संबधित अधिकारीयों के ओर शिकायत दर्ज कराई है।वास्तव में

खेत तक पहुँचने के लिए पग डंडी -सड़क-बैलगाड़ी सड़क मार्ग सीमा के साथ-साथ दो गाँवों को जोड़ने वाली सीमा शिवधुरा कहलाती है। इन सड़कों को गांव के नक्शे (पटवारी) के नक्शे के साथ-साथ भूमि अभिलेख कार्यालय के नक्शे में भारी लाइनों के साथ-साथ बैलगाड़ी मार्ग के लिए छोटी छोटी दोहरी लाइनों में दिखाया जाता है,इसकी चौड़ाई 16 से 21 फीट बताई गई है।

हालांकि, वर्तमान में इस क्षेत्र में भूमि विकासकर्ता (लेआउट धारक) शिवधुर्य को ही अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे हैं। वास्तव में, यह शिवधुरा सरकार के स्वामित्व में होते हैं।,जो महाराष्ट्र भू-राजस्व अधिनियम, 1966 की धारा-

142 और महाराष्ट्र भूमि राजस्व नियम, 1969 के नियम 10 के तहत ऐसी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

 

इस संबंध में पता चला है कि शिवधूरा के पास के खेतों से जुड़े लोगों द्वारा पंजरा कटे- दुधाला गांव के शिवधुरे का नियमबाह्य खोदा गया है। और धुंरे पर का मुरूम निकालने और परिवहन का काम बिना पैसे चुकाए किया गया । शिकायत कर्ताओं ने मांग की है कि इस मामले में उचित जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और साथ ही अवैध खनन के मामले में उचित कार्रवाई की जाए.

शनिवार-रविवार को करते हैं, मुरूम का यातायात है

नागपुर-मुंबई हाईवे पर कोंढाली, दुधला, पंजरा (काटे)और आसपास के गांवों मे ले आऊट खरेदी विक्री का काम जोरों पर है। फलस्वरूप , लेआउट धारक राजस्व विभाग के सप्ताहांत का लाभ उठाकर ले आऊट धारक शिवधुरे का मुरुम का उत्खनन और परिवहन को अंजाम दे रहे हैं। यहां के ले आऊट धारको द्वारा पहले शिवधुरा साफ कर अपने ले आऊट से मिला लिया जाता है.यदी किसीने शिकायत की तो इस विषय की लिपापोती करने के लिये इसे सडक बाया दि जाती है. यहां सरकारी भूमी को अपनाने तक संबंधित विभाग के स्थानिय कर्मचारीयों की अनदेखी बहुत कुछ कहती है!

पंजरा काटे, दुधाला क्षेत्र में खेत सर्वे संख्या 53/3 के क्षेत्र में मुरुम को हटाने और परिवहन के बारे में शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर नायब तहसीलदार राजेंद्र जवांजल ने कहा कि उन्होंने संबंधित ग्राम अधिकारी (पटवारी) को जांच करने के निर्देश दिये गये है । रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधितों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

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