पद्मश्री डॉ.चंद्रकांत पांडव सत्कार समिति द्वारा समाजसेवी रतूड़ी को कार्य सम्राट एवं वर्किंग फार द नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया

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पद्मश्री डॉ.चंद्रकांत पांडव सत्कार समिति द्वारा समाजसेवी रतूड़ी को कार्य सम्राट एवं वर्किंग फार द नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया
नागपुर गणेशपेठ दिनांक १७/०५/२०२२ युवा समाजसेवी विभिन्न सामाजिक संगठनों के संस्थापक अध्यक्ष और लगभग ४५ राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मानवअधिकार कार्यकर्ता
अरविंदकुमार रतूड़ी को उनके विभिन्न प्रकार के देशहित जनकल्याणकारी कार्यो के लिए जो कि निःशुल्क निस्वार्थ निर्भीक निष्पक्ष लगभग ३० सालों से निरंतर चले आ रहे है और विषेश कर कोविड 19 वायरस महामारी में एक निर्भीक करोना योद्धा बनकर मार्च २०२० से लगातार जान हथेली पर रखकर अपनी मानवतावादी सेवा देने असंख्य ज़रूरतमंद लोगों, बेसहारा गरीबों को जीवन आवश्यक सामग्री दान करने, परप्रांतिय लोगों, छात्रों,मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने,कोविड वायरस से बचने हेतु जनजागृति अभियान चलाने, गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन,दवाइयां कम दरों में मुहैय्या करवाने,अस्पतालों में बिल कम करवाने बैड मुहैय्या करवाते हुए भर्ती करवाने नक़ली दवाईयों के गिरोह पकड़ने के साथ साथ लगभग ३३०० से उपर करोना मृतकों का अंतिम संस्कार उनके धर्म मजहब और रीति-रिवाजों से स्वयं के खर्चे से करने के लिए पद्मश्री डॉ.चंद्रकांत पांडव समिति द्वारा कार्य सम्राट एवं वर्किंग फार द नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और समिति द्वारा रतूड़ी को डॉ.बाबा साहब आंबेडकर समाज भूषण और दलित मित्र पुरूस्कार देने के लिए सरकारों से सिफारिश पत्र व्यवहारों से की गई यह प्रतिष्ठित प्रमाण पत्र और पुरस्कार समिति के प्रतिनिधि और संदेश वाहक दूत वैज्ञानिक,अधिवक्ता वरिष्ठ फ़िल्म निर्माता निर्देशक अभिनेता डाॅ. फिरदौस श्राफ और प्रोफेसर संजय कोहले द्वारा दिया गया सम्मान पत्र एवं पुरस्कार मिलने पर रतूड़ी द्वारा कहा गया कि आज देश को जरूरत है जातिवादी मानसिकता से बाहर निकल कर एक देश एक नीति पर चलकर राष्ट्र धर्म को मजबूत करते हुए मैं प्रथम भी भारतीय और अंत भी भारतीय सोचकर बाबा साहेब के अखंड भारत के सपने को साकार करते हुए देश को ऊंच नीच जाति पात के कैंसर से आज़ाद करते हुए एक देश एक भारतीय की नींव रखने की और शिक्षा स्वास्थ्य का हर भारतीय को लाभ मिले चाहे वह अमीर हो या गरीब सबको समान अधिकार मिले शिक्षा स्वास्थ्य का व्यवसाय और बाजारीकरण सरकारें मिल कर खत्म करें क्यूं कि सबसे बड़ा अस्र शस्त्र दुनिया में कलम और शिक्षा ही है यह सम्मान और प्रतिष्ठित प्रमाण पत्र मिलना मेरे और मेरे समाज कार्य के लिए एक गौरवशाली दिन है मेरे लिए प्रेरणा है आख़री सांसों तक राष्ट्रीय धर्म निभाने की रतूड़ी ने यह सम्मान अपने स्वर्गीय माता-पिता एवं परिवार को समर्पित किया है