जवाब कौन देगा ? भगवान के नाम पर हो रही लुटमार! इसे कौन सुधारेगा??
देश के लोगो को अंधश्रद्धा मे ढकलने के लिये , दुनिया के बहोत सारे स्वार्थी ,लुटारु मनोवृत्ती के लोगों ने , अपना अस्तित्व बनाने के लिये क्या…क्या. किया है और क्या.. नही किया..यह बातें पढना और उन बातें का अध्यायन करना बहोत जरुरी है. हर इंसान ने वैज्ञानिक विचारोंं का स्विकार करना चाहिये. कागज का आविष्कार मानव ने किया है, इंसान ने आग का भी आविष्कार किया है. छोटे…बडे गड्डीयों के चक्के का आविष्कार, खेती ओर उन्हे अत्यावश्यक अत्याधुनिक चिजों का आविष्कार , रसायने का, घर-बंगले,जहाज का, हवाई, जहाज, कंप्यूटर,मोबाइल्स फोन ,गाड़ियाँ,आराम-सुख ,चैन के लिए जो चीजे इस्तेमाल करते हो वो भी इंसान ने ही बनायीं है.
FB- Whats app पे ये समाचार सारी दुनिया के लोग ,इंसान पढ़ रहे है उसे भी इंसान ने ही बनाया है. समाज,किसने निर्माण किया है! धर्म का निर्माण , मंदिर-मस्जिद इंसान ने बनाये है. फिर भी मंदिरों-मस्जिदों में भगवान, अल्लाह, GOD किसने बिठाये ? इंसान ने… ही बनाये है. लेकिन कमाल की बात यह है की, एक भी काम भगवान ने नहीं किया ,
जो कुछ भी किया है वो सभी इंसान ने ही किया है। फिर भी लोग इंसान से ज्यादा भगवान के चमत्कार को मानते हैं। हम इन्सानों ने ही अपने स्वार्थ के लिए भगवान का निर्माण किया है।
क्योंकी मनुष्य के अलावा दुनिया का एक भी प्राणी भगवान को नही मानता | जहाँ इन्सान नही पहुँचा वहाँ एक भी मंदिर – मस्जिद या चर्च नही मिला |अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग देवता है। इसका मतलब इन्सान को जैसी कल्पना सूझी वैसा भगवान बनाया गया है?? दुनिया मे अनेक धर्म , पंथ और उनके अपने-अपने अलग….देवता भी है। इसका अर्थ भगवान भी एक नही क्या ? दिन प्रतिदिन नये नये भगवान तैयार हो रहे है? अलग-अलग प्रार्थनायें है , “माना तो भगवान – नही तो पत्थर ” ‘ यह कहावत ऐसे ही नही बनी ? दुनिया मे देवताओं के अलग-अलग आकार और उनको प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग पुजा विधान भी है.. अभी तक किसी इन्सान को भगवान मिलने के कोई प्रमाणपत्र नही है | भगवान को मानने वाला और नही मानने वाला भी अपनी समान जिंदगी जीता है |भगवान किसी का भी भला या बुरा नही कर सकता | भगवान भ्रष्टाचार, अन्याय, चोरी, बलात्कार, आतंकवाद, अराजकता रोक नही सकता ? छोटे मासुम बच्चों पर बंदुक से गोलियाॅ दागने वालों के हाथ भगवान क्यौ नही पकड़ सकता ? | मंदिर, मठ, आश्रम, प्रार्थना- स्थल जहाॅ माना जाता है कि भगवान का वास होता है वहाँ भी बच्चे महिलाएँ सुरक्षित क्यो नहीं है? मंदिर, मस्जिद, चर्च को गिराते समय एक भी भगवान ने सामने आकर विरोध क्यों नही किया ?? बिना अभ्यास किये एक भी छात्र को परीक्षा में भगवान ने पास क्यों नहीं किया?? ऐसा एक भी उदाहरण आज तक सुनने को नही मिला ? बहोत सारे भगवान ऐसे है जिनको 25 साल पहिले कोई नही जानता था।और अब वह प्रख्यात भगवान हो गये हैं |
खुद को भगवान समझने वाले अब जेल कि हवा खा रहे है |दुनिया मे करोडों लोग भगवान को नही मानते। फिर भी वह सुख चैन से अपनी जिंदगी जी रहे है| हिंन्दु अल्लाह को नही मानते. मुस्लिम भगवान को नही मानते,. इसाई भगवान और अल्लाह को नही मानते. हिन्दु मुस्लिम गाॅड को नही मानते , फिर भी भगवानों ने एक दूसरे को नही पूछा कि ऐसा क्यो ? ज्ञान का दीप जलाओ भगवान् नाम की पैदाइश ही शैतानी, मनुवादी दिमाग की उपज है – जिस दिन मंदिरों-मसजिदों-गिरजाघरों में और इन मानव निर्मित तथाकथित भगवानों के आगे चढ़ावा चढ़ना बंद हो जाएगा, उसी दिन ये पुजारी इन मंदिरों से इन मूर्तियों को निकाल कर अपना दूसरा काम ,धंधा शुरू कर देंगे।
मुंबई
संवाददाता
चक्रधर मेश्राम