कोंढाली क्षेत्र के छात्र बस सेवा लडखडाई बस सेवा सुचारू करने कि मांग
कोंढाली-संवाददाता
राज्य बस परिवहन महामंडल के काटोल डिपो के माध्यम से छात्रों, किसानों, खेतिहर मजदूरों, कामगारों के साथ-साथ नौकरीपेशा यात्रियों तथा (काटोल-कोंढाली-जलालखेड़ा-नरखेड़ा-और मोवाड़) के बस स्टेशन से स्कूल -कॉलेज के में आने जाने वाले छात्रों के गांवों के स्कूली छात्रों समय पर बस सेवा के लिये
जि प सदस्य सलिल देशमुख ने संभागीय नियंत्रक डी सी गभाने से मुलाकात कर समय पर बस सेवा शुरू करने के लिये ज्ञापन देकर मांग की है. इस ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए नागपुर संभागीय नियंत्रक द्वारा कोंढाली बस स्टेशन से यात्रा करने वाले छात्रों और नागरिकों के लिए निर्धारित बस यात्राओं के नियोजन के बारे में जानकारी ली। कुछ दिन तक समय पर बसे चली भी,पर!वर्तमान में कई अनेक गांव की शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि छात्र और यात्री बस सेवाएं निर्धारित समय के अनुसार नहीं चल रही हैं।
काटोल डिपो से कोंढाली बस अड्डे से संचालित घुबड़ी, खापा, मिनीवाड़ा, चंदनपर्डी, धामनगांव, चिंचोली, मेट रिंगणाबोडी, काटोल आवाजाही करने वाली छात्र बसें सप्ताह में चार दिन निर्धारित समय पर नहीं निकलती हैं, इसलिए स्कूल आने में देर होती है और घर समय लगता है. वापसी के लिए अधिक समय लगता। छात्रों के लिए समय पर चलाई जाने के उद्देश्य के लिये एस टी- के वरिष्ठ अधिकारीयों से स्थानीय नेता, सतीश पाटिल चव्हाण, सुधीर गोतमारे, बबलू बिसेन, किस्मत चव्हाण, सोमकुवर, राजू किनकर, जगदीश चव्हाण, किसान राठौड़, सोपीत राठौड़ चव्हाण ने मांग की कि छात्रों के लिये छोडी जाने वाली बसों पर भी ध्यान दिया जाए।
इस विषय पर काटोल डिपो के डीएम पद्मगिरिवार से इस विषयपर पूछे जाने पर बताया कि काटोल डिपो से यात्री तथा छात्रों के याता यात कि लिये अपेक्षित नियोजित गंतव्यों के लिए 68 बसों की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में केवल 45 बसें ही यात्री सेवा में हैं और इसमें भी 03 से 04 बसों का मेंटनेंस के लिये होती हैं. ऐसीपरिस्थिती में मात्र 39-/40.बसों में 68बसों का नियोजन करना पडता है.काटोल डिपो के तहत छात्र छात्राओं के लिये, रानी अहिल्याबाई होलकर, मानव विकास, 67.33% रियायत कि कूल 11,000 से अधिक की पासेस हैं। छात्रों के रियायत के रुपये शासन से समय पर नही मिलते.वहीं यात्री बसों की कमी के कारण छात्र एवं यात्री परिवहन के नियोजन मे कठिनाईयां पैदा होती है. यदि स्कूल तथा पासधारकों की आवश्यकता के अनुसार बसें उपलब्ध हों तो व यात्री बस सेवा का प्रबंधन सुचारु होगा।
