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किरायेदार से हो जाये होशियार ,नही तो मकान मालिकों को जाना पड़ सकता है जेल ।

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मामले👇🏼👇🏼 में नया मोड़👇🏼 लामता :- लामता के सतानंद द्विवेदी को अपना कमरा किराये में देना पड़ गया महंगा ,सतानंद द्विवेदी ने ग्राम पंचायत लामता से लीज पर दुकान के लिये कमरा लिया गया था जिस पर कपड़े का दुकान […]

मामले👇🏼👇🏼 में नया मोड़👇🏼
लामता :- लामता के सतानंद द्विवेदी को अपना कमरा किराये में देना पड़ गया महंगा ,सतानंद द्विवेदी ने ग्राम पंचायत लामता से लीज पर दुकान के लिये कमरा लिया गया था जिस पर कपड़े का दुकान रखा गया था उस जगह में दुकानदारी का धंधा नही होने के कारण बालाघाट नैनपुर रोड़ में एक किराया का कमरा लेकर अपना धंधा कर उस कमरे में स्टॉक रख रहे थे उस दौरान वीरेंद्र नेवारे बार बार कमरे किराये से मांगने पर सतानंद द्विवेदी ने कमरा किराये से दे दिया ,6 वर्ष तक वीरेंद्र नेवारे द्वारा किराया समय अनुसार दे दिया करता था परन्तु गत वर्ष से किराया नही दिया गया था सतानंद द्विवेदी ने बार बार फोन में बात करके किराया का पैसा मांगा गया परन्तु वीरेंद्र नेवारे द्वारा किराया नही दिया गया,जिसपर सतानंद द्विवेदी ने दिनांक 6/9/20 को एक लिखित आवेदन पुलिस थाना में दिया ,एवं अपनी व्यथा सुनाया गया ,जिसपर लामता थाना प्रभारी दिनेश रावत द्वारा वीरेन्द्र नेवारे को थाना बुलाया गया,थाना प्रभारी द्वारा पूछताछ करने पर वीरेंद्र नेवारे ने किराया देना कबूल किया ,एवं एक माह का मोहलत मांगा गया और 5/10/20 को किराया का पैसे देने को कहा गया ,उसके द्वारा लिखित भी दिया गया , समय अवधि समाप्त होने के बावजूद भी वीरेंद्र नेवारे ने किराया का पैसा नही दिया गया ,जिसपर पुनः सतानंद द्विवेदी पुलिस थाना जाकर थाना प्रभारी को स्मरण कराया गया ,थाना प्रभारी दिनेश रावत द्वारा पुलिस को भेजकर वीरेंद्र नेवारे को बुलाया गया ।जिसपर वीरेंद्र नेवारे आवेश में आकर थाना प्रभारी के टेबल में हाथ रखते हुये पैसे देने से इनकार किया गया ,थाना प्रभारी द्वारा समझाने पर नही मानने पर पुलिस को बुलाकर बहार बिठाने बोला गया ,उस उपरांत अतुल अग्रवाल ने समझा बुझा कर पैसे देने को मना लिया गया ,जिसपर अतुल अग्रवाल ने 8000 रुपये एवं भोंडवा निवासी पाटिल ने 5000 हजार रुपये देकर मामला को निपटा कर सतानंद द्विवेदी को कुल 13000 रुपये देकर दोनों पक्षो में आपसी राजी नामा किया गया ,वीरेन्द्र नेवारे द्वारा 1नवम्बर को कमरा खाली करने के लिये पुराने लिखित कागज में लिखकर दिया गया ,और दोनों पक्ष अपने अपने घर चले गए ।
दिनाक 23/10 /20 को वीरेन्द्र नेवारे ने सतानंद द्विवेदी एवं थाना प्रभारी पर लगाया गया झूठे आरोप जिसका वीडियो हुआ वायरल ,जो कि पूर्ण रूप से बेबुनियाद है सतानंद द्विवेदी ,अतुल अग्रवाल ,गुलाब पांडे थाने में मौजूद थे उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी द्वारा वीरेंद्र नेवारे से कोई अभद्र व्यवहार नही किया गया न ही उसे हमारे सामने मारा गया ,जबकि हमारा समझौता होते ही वह थाने से चला गया ,उसकी सच्चाई थाने में लगे सी सी कैमरा के फुटेज में देखा जा सकता है सिर्फ वीरेंद्र नेवारे कमरा हड़पना चाहता है इसलिये वह मनगढ़त कहानी बना कर थाना प्रभारी एवं मुझपर झुटे आरोप लगा रहा है ,
लामता थाना प्रभारी दिनेश रावत द्वारा जानकारी दिया कि मेरे द्वारा सतानंद द्विवेदी के आवेदन पर वीरेंद्र नेवारे को 6/9/20 को बुलाकर पूछने पर उन्होंने किराया देना बताया गया था और 1 माह की मोहलत मांगा गया था मोहलत पूर्ण होने के बावजूद भी किराया नही देने पर 22/10/20 को पुनः वीरेन्द्र नेवारे को थाना बुलाया गया जिसपर वीरेंद्र नेवारे ने किराया देने से इनकार किया गया ,जिस मैंने कास्टेबल को बुलाकर वीरेन्द्र नेवारे को बाहर बैठालने को बोला ,उसी समय अतुल अग्रवाल द्वारा समझा बुझा कर किराया देने को तैयार किया गया ।वीरेंद्र नेवारे ने अतुल अग्रवाल एवम एक अन्य से पैसे लेकर किराया का कुल 13000 रुपये सतानंद द्विवेदी को दिया एवं 1 नवम्बर को कमरा खाली करने के लिये कागज में लिखकर दिया गया ,दोनों पक्षो में आपसी राजीनामा कर दोनों पक्ष अपने अपने घर चले गए ।मेरे द्वारा किसी प्रकार से उसके साथ अभद्र व्यवहार नही किया गया न ही मेरे आरक्षकों द्वारा न ही मेरे द्वारा मारा पीटा गया , उसने जो भी शिकायत स्वयं एवम सामाजिक संघठन के साथ पुलिस अधीक्षक से किया है उसकी जांच से सच्चाई सामने आ जायेगा ,सच्चाई सी सी कैमरा के फुटेज से देखा जा सकता है।

सीमा सोने कर
महिला न्यूज़ रिपोर्टर
बालाघाट

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