आज़ादी के अमृत महोत्सव पर सुप्रसिद्ध समाजसेवी अरविंदकुमार रतूड़ी राष्ट्रीय पद्म गौरव पुरस्कार से सम्मानित
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।।प्रेस नोट।। आज़ादी के अमृत महोत्सव पर सुप्रसिद्ध समाजसेवी अरविंदकुमार रतूड़ी राष्ट्रीय पद्म गौरव पुरस्कार से सम्मानित नागपुर सक्करधरा चौक दिनांक १८/०८/२०२२ युवा संघर्षशील समाजसेवी विभिन्न सामाजिक संगठनों के संस्थापक अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार कार्यकर्ता अरविंदकुमार रतूड़ी को […]

।।प्रेस नोट।।
आज़ादी के अमृत महोत्सव पर सुप्रसिद्ध समाजसेवी अरविंदकुमार रतूड़ी राष्ट्रीय पद्म गौरव पुरस्कार से सम्मानित
नागपुर सक्करधरा चौक दिनांक १८/०८/२०२२ युवा संघर्षशील समाजसेवी विभिन्न सामाजिक संगठनों के संस्थापक अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार कार्यकर्ता अरविंदकुमार रतूड़ी को आजादी के अमृत महोत्सव के पावन पर्व पर “राष्ट्रीय पद्म गौरव पुरस्कार २०२२ से सम्मानित किया गया” लगभग तीस सालों से रतूड़ी द्वारा देश हितार्थ,जन हितार्थ,प्राणी हितार्थ समर्पित सेवा भावी कार्य करने के साथ ही स्वास्थ्य,शिक्षा के व्यवसाय और बाजारीकरण के ख़िलाफ़ लड़ने एवं विभिन्न प्रकार के जनकल्याणकारी कार्यो जो कि निःशुल्क,निस्वार्थ निर्भीक,निष्पक्ष निरंतर चले आ रहे है और खासकर कोविड 19 वायरस महामारी में एक निर्भीक करोना योद्धा बनकर मार्च २०२० से लगातार वर्तमान समय तक अपनी इंसानियत मानवतावादी सेवा देने असंख्य ज़रूरतमंद लोगों, बेसहारा गरीबों को जीवन आवश्यक सामग्री दान करने, परप्रांतिय लोगों, छात्रों,मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने,कोविड वायरस से बचने हेतु जनजागृति अभियान चलाने, गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन,दवाइयां कम दरों में मुहैय्या करवाने,अस्पतालों में बिल कम करवाने,बैड मुहैय्या करवाते हुए भर्ती करवाने,नक़ली दवाईयों के गिरोह पकड़ने के साथ साथ लगभग ३३०० से उपर करोना मृतकों का अंतिम संस्कार उनके धर्म मजहब और रीति-रिवाजों से स्वयं के खर्चे से करने के लिए एकता फाउंडेशन एवं शिव भीम सेना द्वारा यह प्रतिष्ठित सम्मान संस्थान के अध्यक्ष श्री डॉ.जय रामटेक द्वारा सम्मान पत्र के रूप में दिया गया गया और रतूड़ी के कम उम्र से ही निरंतर चले आ रहे मानवतावादी सामाज कार्यो की भूरी भूरी प्रशंसा डॉ जय रामटेक द्वारा की गई सम्मान पत्र मिलने पर श्री रतूड़ी द्वारा कहा गया कि यह सम्मान मिलना मेरे और मेरे समाज कार्य के एक अविस्मरणीय गौरवशाली दिन है और अब राष्ट्रीय धर्म के प्रति मेरी ज़िम्मेदारी चौबीसों घंटे बढ़ गई है यह सिर्फ सम्मान पत्र नहीं है बल्कि मेरे लिए प्रेरणा है आख़री सांसों तक देशसेवा,समाज सेवा करने के लिए मुझे मेरे कर्तव्य निभाने की याद दिलाते रहने के लिए समाजसेवा में जो सम्मान और सम्मान पत्र मिलते हैं वहीं हमारी सामाजिक जिंदगी की असली कमाई होती है और हमारी पहचान होती है रतूड़ी ने यह सम्मान अपने स्वर्गीय माता-पिता परिवार के अलावा देश के असली नायक सैनिकों,अर्धसैनिक बलों,पुलिसकर्मियों को समर्पित किया है