*आंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आत्म निर्भर के संघर्षरत महीलाओं का सत्कार*
संवाददाता कोंढाली
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, कोंढाली के शहीद स्मारक के कार्यालय के परिसर में, कोविद 19 के नियमों का पालन करते हुये । कोंढाली नायब-तहसीलदार नीलेश कदम के अध्यक्षता में तथा थानेदार विश्वास पुल्लवार, कोंढाली स्वास्थ अधिकारी , डॉ अश्विनी दतिर, महिला पत्रकार ज्योति तिवारी, धनश्री बापट, गीता सहारे के प्रमुख उपस्थित में एड-ॠनुजा गायकवाड़ द्वारा जो कृषि, चिकित्सा, शिक्षा, अर्थव्यवस्था, राजनीति, समाजकार्य के क्षेत्रों में संघर्ष कर अपना मुकाम हांसील कर आत्मनिर्भर बनने का प्रयास कर रही हैं। ऐसी महिला ओं का 08मार्च को सुबह ग्यारह बजे. डॉ. निकिता आर जाधव, राजेश्वरी विनोदकुमार पांडे, नीलिमा विजयराव सरोदे, कल्पना अतुल धर्मे, राखी महेश चरडे, मनीषा सुनील धर्मे, वनिता अशोक चन्ने का प्रमुख अतिथी
ज्योती तिवारी, धनश्री बापट, डॉ. अश्विनी दतिर द्वारा सत्कार किया गया.
इस अवसर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवसपर बोलते हुये थानेदार विश्वास पुलरवार ने बयाता की
प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाएगा। यों तो प्रत्येक वर्ष 8 मार्च के दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सरकारी, गैर- सरकारी, सामाजिक संगठनों और महिला संगठनों की ओर से कई कार्यक्रम, बड़े समारोह, सम्मान कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लेकिन, इस बार कोरोना महामारी के दौर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन महिलाओं के नेतृत्व को एक पहचान और सम्मान देने का वक्त है। बीते साल वैश्विक संक्रामक महामारी कोविड-19 के कहर से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। इस महामारी के दौर में कोरोना योद्धाओं ने अग्रिम पंक्ति में खड़े रहकर मानवीय सेवा की मिसाल भी पेश की। इन कोरोना योद्धाओं में कई महिलाओं ने आगे बढ़कर अग्रिम मोर्चे पर सेवाएं दीं और अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया। संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम को महिलाओं के नेतृत्व को समर्पित किया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से जुड़ीं कईं रोचक और तथ्यात्मक जानकारियों थानेदार विश्वास पुलरवार द्वारा दी गयी
08 मार्च को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने का मुख्य मकसद महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है। इसके साथ विश्व शांति को भी प्रोत्साहित करने का उद्देश्य जुड़ा है। महिलाओं के समाज के विकास में महिलाओं की सच्ची महत्ता और अधिकार के बारे में जनजागरूकता लाने हेतु ही हर साल महिला दिवस जैसे कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाये जाते हैं। आज के दिन महिलाओं, उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाता है व लैंगिक एकता व समानता को प्रोत्साहित किया जाता है।यह मार्गदर्शन अपने अध्यक्षीय भाषण में नायब तहसील निलेश कदम दिया.
महिलाओं के अदृश्य संघर्ष को सलाम करने के लिए उनके सम्मान में, उन्हें समान अधिकार और सम्मान दिलाने के उद्देश्य के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया हुआ है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए कई जायज कारण हैं। महिला/स्त्री/नारी/औरत शब्द कुछ भी हो, मां/बहन/बेटी/पत्नी रिश्ता कोई सा भी हो वे हर जगह सम्मान की हकदार है। चाहे वह शिक्षक/वकील/डॉक्टर/पत्रकार/सैनिक/सरकारी कर्मी/इंजीनियर जैसे किसी पेशे में हों या फिर गृहिणी ही क्यों न हों, समानता का अधिकार उन्हें भी उतना ही है, जितना की पुरुषों का है। आधी आबादी के तौर पर महिलाएं हमारे समाज -जीवन का एक मजबूत आधार है। महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना करना ही असंभव है। कई बार महिलाओं के साथ पेशेवर जिंदगी में भेदभाव होता है। घर-परिवार में भी कई दफा उन्हें समान हक और सम्मान नहीं मिल पाता है। फिर वे जूझती हैं। संघर्ष कर करती हैं और इस दुनिया को खूबसूरत बनाने में उनका ही सर्वाधिक योगदान है। यह मार्गदर्शन राजेश्वरी पांडे द्वारा दिया गया.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के पीछे का कारण महिलाओं द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा महिलाओं को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए यह महिला दिवस का महत्व माना जाता है।यह जानकारी धनश्री बापट ने बताया तथा स्री का महत्त्व क्या है यह कविता के माध्यम से भी बताया.
इस अवसर पर महिलादिवस के अवसर सत्कार कार्यक्रम के आयोजक एड ऋणूजा गायकवाड ने प्रास्ताविक, तथा आभार व्यक्त किया.