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नागपुर

सोयाबीन की कीमतों में गिरावट! किसान सोयाबीन के अच्छे दामपाने के लिए तारण योजना का लाभ उठाएं कृषीविद दिनेश ठाकरे-

Summary

बारिश से सोयाबीन फसलों का भारी नुकसानहुआ, फिर भी बची हुई सोयाबीन को अच्छे दाम मिल सकते है, जिससे सोयाबीन के फसल से कुछ तो लाभ मिल सकता है। किंतू अतीवृष्टी के चलते प्रतिकूल परिस्थितियों को झेलते हुए,कम दामों पर […]

बारिश से सोयाबीन फसलों का भारी नुकसानहुआ, फिर भी बची हुई सोयाबीन को अच्छे दाम मिल सकते है, जिससे सोयाबीन के फसल से कुछ तो लाभ मिल सकता है। किंतू अतीवृष्टी के चलते प्रतिकूल परिस्थितियों को झेलते हुए,कम दामों पर ही किसान सोयाबीन बेचने पर मजबूर है। वहीं कहीं कहीं अच्छे गुणवत्ता वाली सोयाबीन को उचित दाम मिले इस लिये किसान अब अच्छी गुणवत्ता वाले सोयाबीन के भंडारण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लेकिन कृषी विषयों के जानकारों की माने तो भंडारण यह और भी खतरनाक हो सकता है।, इसलिए अच्छे सोयाबीन को तारण योजना को अपनाकर सोयाबीन पर कुछ हद तक लाभ मिलेने की जानकारी कृषिविदों द्वारा दी जा रही है।}

काटोल / कोंढाली: -17-अक्टूबर
सोयाबीन की कीमतों में दिनों दिन गिरावट आ रही है। सोयाबीन की कटाई को लगा खर्च भी नही मिल पा रहा है। सोयाबीन खरीफ में एक महत्वपूर्ण फसल है ।इस वर्ष भी अतीवृष्टी के चलते काटोल-कोंढाली क्षेत्र मे सोयाबीन की फसल सब कुछ व्यापारियों के भरोसे पर निर्भर है! सोयाबीन के फसल की शुरुआत में जो अच्छे दामों पर बिकी वही सोयाबीन अब धडाम से औंधे मुंह आधे से भी कम दामों पर बिक रही है। सोयाबीन उत्पादक किसानों को उम्मीद थी कि बारिश से फसलों को नुकसान होने पर भी अंत में बची सोयाबीन की फसल उन्हें सब कुछ अच्छा दाम मिलेगा। पर सब कुछ उल्टा हो रहा है। अब कुछ अच्छी सोयाबीन ऐसे प्रतिकूल हालात में किसान अब सोयाबीन भंडारण पर ध्यान दे रहे हैं। लेकिन कृषी विषयों के जानकारों की माने तो भंडारण और भी खतरनाक हो सकता है।, इसलिए कृषिविदों की सलाह माने तो सभी सोयाबीन उत्पादकों के लिए तारण योजना कुछ हद तक किसानों को फायदेमंद साबित होने की जानकारी कृषिविद तथा काटोल कृषी उपज मंडी के पुर्व सभापती दिनेश ठाकरे द्वारा जानकारी दी गयी है।
*बाजार में (बाजार समितियों में) मौजूदा स्थिति क्या है!*
प्राप्त जानकारी के अनुसार खाद्य तेल पर आयात शुल्क कम किया गया है। फिर भी फिलहाल तो भी खाद्य तेलों के दाम कम नही हुये। उधर, केंद्र सरकार ने तिलहन के स्टॉक की सीमा तय कर दी है, फलस्वरूप सोयाबीन की कीमतों में गिरावट जारी है। सीजन की शुरुआत में सोयाबीन का भाव जो 8-9-10-/ हजार रुपये प्रति क्विंटल था। वह घटकर रु.मात्र ढाई – तिन से साढेचार पांच हजार तक ही है। काटोल कृषि उपज मंडी में प
फिलहाल प्रतिदिन (50-60) क्विंटल ही सोयाबीन की आवक है। सोयाबीन में गिरावट आ रही है, और यह किसानों के लिए चिंता का विषय है।
इस संबंध में काटोल कृषि उपज मंडी समिति के संचालक एवं पूर्व सभापति तथा कृषि विशेषज्ञ दिनेश ठाकरे ने बताया की सोयाबीन उत्पादक किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाली सोयाबीन तारण योजना के तहत रख कर कुछ हद तक फायदा हो सकता है ।विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी अतीवृष्टी से क्षतिग्रस्त सोयाबीन की फसल की आवक भी कम ही है। फिर हाल बारिश से क्षतिग्रस्त सोयाबीन बाजार में आ रही है। जिस के उचीत दाम नही मिल रहे हैं। अच्छी फसल को भी फिलहाल तो भी 8-9-10हजार का भाव की उम्मीद कम ही है। फलस्वरूप तारण योजना ही सोयाबीन की फसल उत्पादकों को कुछ राहत दे सकती है यह राय दिनेश ठाकरे द्वारा दोहराई गयी है ।
इस विषय पर कृषी उपज मंडी के सचीव पराग दाते ने बताया कि फिल हाल सोयाबीन की आवक बहुतही कम उसमे भी बारिश से सोयाबीन के फसल को नुकसान हुआ वही सोयाबीन बाजार में आ रहीहै।
सोयाबीन उत्पादक किसान कृष्णराव भांगे,मुन्ना पटेल, राजेंद्र सिंह जाधव, विजयसिंह रणनवरे,आदी द्वारा सोयाबीन को एम एस पी द्वारा मंजूर भाव से कम दामों पर सोयाबीन को ना खरिदी जाय।

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