जुनापानी-कचारी सावंगा मातोश्री ग्राम समृद्धी सड़क (पांदण सड़क) निर्माण की किसानों द्वारा मांग

कोंढाली-संवाददाता
किसानों के लिए खेत तक जाने के लिए सड़क का होना बहुत जरूरी है। जब कृषि के लिए सड़क नहीं है, तो फसल को सही समय पर बाजार में लाना मुश्किल है। बाजार मूल्य कम होने के कारण किसानों को भारी नुकसान होता है। इसलिए मातोश्री ग्राम समृद्धि शेत पाणंद मार्ग योजना किसानों के लिए बहुत उपयोगी होती है।
*मातोश्री ग्राम समृद्धि शेत पाणंद सड़क योजना*
मातोश्री ग्राम समृद्धि शेत पानानंद रास्ता योजना के माध्यम से शुरू की गयी है। महात्मा गांधी रोजगार योजना के तहत मातोश्री शेत राज्य योजना लागू की गयी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कई किसानों को अपने-अपने खेतों तक पहुंच मार्ग तक नहीं है। ऐसे में किसानों को अपने-अपने घेतो में पहूंचने के लिये कई संकटों का सामना करना पडता है. साथ ही अनेक बार समिपस्थ किसानोंके साथ गहरे मतभेद हो जाते है. ऐसे में खेती बोने से लेकर फसल कटाई तक तथा फसलो घर या बाजार ले जाने तक भारी कठिनायां झेलनी पडती है, यह जानकारी जुनापानी के किसनों ने दी है, यहां के किसान दिलीप मसराम, दिलीप वैद्य,विजय वैद्य,बलवंत अवथले, रामराव रमधम,मोहन डोंगरे,कलावती बाई धारपुरे,तथा भीमराव फरकाडे, की खेती प.ह.47 में है. इन के साथ ही अनेक किसानों को खेतों तक पहूंचने में अनेक कठिनायां झेलनी पडती है.इन सभी किसानों नें पांदण सडक मार्ग की मांग की है. ग्रा प जुनापानी द्वारा विगत दो वर्षे पुर्व ही यहां के किसानों के खेतों पहूंचने के लिये पांदण सडक निर्माण के लिये ग्राम पंचायत द्वारा पांदण सडक निर्माण के लिये प्रस्ताव भी मंजूर किया तथा संबधीत विभाग को दिया गया है. किसानों ने बताया की पांदण सडक के आभाव के चलते किसानों कों उनके फसलों के उत्पादन का सही समय सही बाजार मूल्य प्राप्त करने के लिए सही समय पर माल को बाजार में पहुंचाना बहुत जरूरी है। इसलिए सड़क के महत्व को रेखांकित करते हुए मातोश्री शेत रास्ता योजना निर्माण करने की मांग की है. जो कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
काटोल तहसील में कृषि सड़कों की बहुत आवश्यकता है। हालांकि बारामासी फसलें आर्थिक रूप से व्यवहार्य होती हैं, लेकिन खेती के लिये जोड सड़क न होने के कारण किसान ऐसी फसलों की खेती करने पर विचार नहीं करते हैं। खेतों तक सड़कों की कमी किसानों को विभिन्न फसलें प्राप्त करने में एक बड़ी बाधा बनती है, किसानों को माल ढुलाई या अन्य उद्देश्यों के लिए उनके खेतों तक ले जाने के लिए पक्की सड़क बनाने की मांग की गयी है।
साथ ही रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार चाहने वाले व्यक्ति को अकुशल रोजगार उपलब्ध कराना
ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक आधारभूत संरचना का निर्माण करना।
प्रत्येक गांव में औसतन 5 किमी तक शेत(खेत)पाणंद सडक का निर्माण के उद्देश्य
मातोश्री शेत सडक निर्माण योजना से चौतरफा बारहमासी कृषि सड़कों, सभी खेतों के लिए उपयुक्त गुणवत्ता के पांदान मार्ग बनाने के लिए है.। किंतू मंजूर निधी, से किसान समृद्धी सड़के(पांदण सड़क) का निर्माण नही हो पाती.
काटोल तहसील जुनापानी के किसानों के साथ ही कचारी सावंगा के किसानों द्वारा भी
*पंदण रोड भारी बारिश से प्रभावित।*
कचारी सवांगा गांव से मुख्य शमशान घाट-खापरी (रीठा शिवर), मार्ग से कोंढाली-काटोल स्टेट हाईवे 247 (कलकुही) से पांदन रोड इस वर्ष भारी बारिश से पांदण रोड पुर्णत: नाले में तब्दील हो जाने से कचारी सवंगा गांव के 50 फीसदी किसानों व खेतिहर मजदूरों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.
काटोल तहसील के जुनापानी तथा कचारी सावंगा के किसानों को अपने-अपने खोतों तक पहुंच मार्ग के
लिए स्थानिय सरपंच, पंचायत समिति सदस्य पंचायत समिती सभापती, जिला परिषद सदस्य , स्थानिक विधायक, सांसद, द्वारा यहां के किसानों के खेती के पहुंच मार्ग निर्माण को मंजुरी मिलती है, तो इस क्षेत्र के किसानों, खेतिहर मजदूरों को मजदुरी साथ ही संतरा, मोसंबी और सब्जी के बागवानों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
काटोल पंचायत समिति शाखा अभियंता, जिला लोक निर्माण उप अभियंता इस सड़क (पांदन रोड) का निरीक्षण कर मातोश्री पांदन योजना या मुख्यमंत्री सड़क योजना के लिए इस सड़क का नंबर दें ताकि राज्य, केंद्र, डी पी डीसी, एम एल ए, एमपी द्वारा पांदन रस्ता फंड की मंजूरी किया जा सके. यह जानकारी युवा किसान गौरव मानकर तथा कचारी सावंगा सरपंच रवी जयस्वाल,कोंढाली के संजय राऊत, याकूब पठाण, स्वप्निल व्यास, धुरखेडा के विठ्ठलराव एके, सुदर्शन झोडे, पवन पेंदाम, कामठी के राजू किनेकर, राजू डोंगरे दुधाला के किशोर रेवतकर, चिखली राजू चोपडे थामस निंभोरकर,प्रकाश बारंगे,महेश तिवारी, आयुष्यमान पांडे, आदी द्वारा किसान समृद्धी मार्ग (पी.आर.डी.ए.)के लिये एक अलग विभाग के तहत विषेश निधी के प्रावधान की राज्य तथा केंद्र सरकार से की है