काटोल-कोंढाली क्षेत्र को अतिवृष्टी अकाल ग्रस्त क्षेत्र घोषित करें उपसरपंच स्वप्निल सिंह व्यास

काटोल-कोंढाली क्षेत्र को अतिवृष्टी अकाल ग्रस्त क्षेत्र घोषित करें
उपसरपंच स्वप्निल सिंह व्यास
संवाददाता कोंढाली-:
15दिनों के लगतार बारिश से कोंढाली सहीत संपूर्ण काटोल तहसील में में अतिवृष्टि की स्थिति बन गई है।फलस्वरूप हर जगह किसान गंभीर संकट में हैं। इसलिए सरकार को बारिश की मात्रा को पैमाने न मानकर सभी किसानों को मुआवजा देने का निर्णय लेकर उसकी घोषणा करने की मांग कोंढाली के उपसरपंच स्वप्निल सिंह व्यास द्वारा राज्य सरकार जिलाधीश के माध्यम से की है.
कोंढाली केआज सांसद बालू धानोरकर ने जिलाधीश अजय गुल्हाने से मुलाकात की. उन्होंने अतिवृष्टि से पीडित किसानों को मदद करने की मांग की है. राज्य भर में नैसर्गिक आपदा की स्थिति निर्माण हुई है यह मानकर गीला आकाल घोषित करने की मांग की है.
कोंढाली के उपसरपंच स्वप्निल सिंह व्यास द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे गये ज्ञापन में बताया है की लगातार बारीश से कोंढाली -काटोल तहसील के सभी नदी नाले उफान पर थे।साथ ही किसानों के खेतों अतीवृष्टी के कारण खेतों में जलजमाव से हाल ही में बोई गयी तथा अंकुरित खडी फसलें पाणी में डूबी रहने से फसलों की जड़े सड गल गयी है।जिसमें कपास, सोयाबीन, उडद, मूंग, ज्वार,मका, तुअर आदी खरिफ फसलों के साथ-साथ संतरा बागानों को भारी क्षती पहुंची है ।
कोंढाली काटोल क्षेत्र में अतीवृष्टी का जायजा स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा लेकर अतिवृष्टी से हुए नुकसान के पंचनामा बनाने के निर्देश भी दिये गये है । राज्य के मुख्यमंत्री तथा सरकार द्वारा कोंढाली-काटोल क्षेत्र को अतिवृष्टी अकाल ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर स्थानीय किसानों को यदि उचित (पचास हजार रूपये प्रति हेक्टेयर)मुआवजा देने के आदेश निर्गमित करने की मांग की है।
अतिवृष्टी के बाद अब किसानों के सामने आई समस्या को ध्यान में रखकर पंचनामा की औपचारिकता न करते हुए फसल पंजीयन को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दर से सभी किसानों को नुकसान भरपाई देने का निर्णय ले.
इससे प्रशासकीय विभाग पर काम का बोझ कम होगा. अतिवृष्टि से खरीफ की फसल का नुकसान हुआ है. अतिवृष्टि से किसानों का भारी नुकसान होते से खेतों में काम करने वाले खेतिहर मजदुरों पर भुखे रहने की नौबत आ गई है।
राज्य सरकार द्वारा अन्नदाता को पारदर्शी रूप से सहयोग करने के लिये भी निर्देश देने की मांग भी स्वप्निल सिंह व्यास द्वारा दोहरायी है ।