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किसान भाईयों ने करोना संकटकाल में आनाज, साग सब्जी, दुध की कमी नही पडने दी किसान देश के रीढ की हड्डी है कृषी मंत्री दादाराव भूसे

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संवाददाता-कोंढाली-संवाददाता वैश्विक महामारी कोव्हिड संक्रमण ( कोरोना संकट) के दौरान, राज्य के लोगों के लिए अनाज, खाद्यान्न, फल, सब्जियां, दूध और अंडे और फूलों की कोई कमी होने दी। इसका सारा श्रेय हमारे किसान राजा को ही जाता है। राज्य […]

संवाददाता-कोंढाली-संवाददाता
वैश्विक महामारी कोव्हिड संक्रमण ( कोरोना संकट) के दौरान, राज्य के लोगों के लिए अनाज, खाद्यान्न, फल, सब्जियां, दूध और अंडे और फूलों की कोई कमी होने दी। इसका सारा श्रेय हमारे किसान राजा को ही जाता है। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य के किसानों के पीछे पूरी ताकत के साथ खड़े हैं। विदर्भ के संतरा ,कपास, सोयाबीन, फुल खेती के तथा खरिफ एवं रबी फसलों के आधुनिक तकनीक की खेती, आधुनिक फसल उत्पादन, तथा बाजर पेठ की जानकारी हर किसानों तक पहूंचाया जाय यह निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिये गये। बादमे काटोल, नरखेड, कलमेश्वर तहसील के किसानों के साथ सीधी बातचीत कर उपस्थित किसानों से संवाद साधकर , किसानो की समस्यायें जान ली।
10 मई को नागपुर और अमरावती संभागीय कृषि खरीफ की समीक्षा बैठक के दौरान, नागपुर संभागीय बैठक के बाद नागपुर से अमरावती के लिए दोपहर एक बजे चिलचीलाती धूप में राज्य के कृषी मंत्री दादाराव भूसे जुनापाणी के किसान अरविंद किनकर के खेत पर पहूंचे। स्थानीय फुल उत्पादक युवा किसान किसान मंगेश खावशी द्वारा बनाये गये पाॅली हाऊस तथा
शेड नेट के माध्यम से फुल तथा साग सब्ज बागानों को लगने वाले पौधों की नर्सरी तथा उससे मिलने वाले उत्पादन उपलब्धता , बाजार भाव, तथा फुल उत्पादन के बाद उपस्थित होने वाली समस्याओं से कृषी मंत्री को अवगत कराया, खपरी के राजेंद्र डोंगरे ने मंत्री से अनुरोध किया कि वे टमाटर और फूलों की खेती के लिए लगनेवाली मिट्टी की निकासी के समय वन और राजस्व विभाग द्वारा रोडे अटकाये जाते हैं इन बाधाओं को दूर करें, जब कि नरखेड़ तालुका में जलालखेडा के कपास उत्पादक घनश्याम ठाकरे ने सेंद्रीय खाद के माध्यम से भी प्रती एकड 22किंटल कापास का उत्पादन लेने की जानकारी दी तथा कपास के उत्पादन को उचीत मूल्य सरकार द्वारा देने की मांग की को रोकने का आग्रह किया। कपास के बीज बाजार में प्रवेश करने से। कोंढाली के सदस्य संजय राउत ने कहा कि सरकार को सोयाबीन बीज को उचीत दामों मे किसानों को मुहय्या करावे। वहीँ किसान डाक्टर अनिल ठाकरे द्वारा काटोल के प्रादेशिक फल संशोधन केंद्र के लिये( वंडली फार्म के लिए) स्वीकृत14करोड की धनराशि प्रदान करने तथा किसानों को कृषी औषधी अनुदान के तहत वितरण की मांग की तथा नैसर्गिक आपदा में सोयाबीन के फसल के नुकसान का मुआवजा अबतक नही दिया गया है। उसे मुहय्या कराने की मांग की

इस कृषि संवाद के अवसर पर, कटोल तालुका, कलमेश्वर और नरखेड़ तालुकों के किसानों के साथ-साथ शिवसेना के जिला प्रमुख राजेंद्र हरने, यादव बागडते, सुधीर गोतमारे, केशवराव धुर्वे, कमलेश गुप्ता, अरविंद खवसे, गुनवंत खवसे, सचिन खवसे और उत्तम काले, किसान शामिल थे। मंगेश खवसे के पाॅली हाऊस में पांच प्रकार सेवंती की फूलों के साथ साथ टमाटर, बैंगन, आदी की नर्सरी का मुआयना भी किया गया। करते हैं।
:इस अवसर पर संभागीय कृषि निदेशक, रवींन्द्र भोसले,जिला कृषी अधिक्षक
मिलिंद शेंडे , उपविभागीय कृषी अधिकारी विजय निमजे ,
। सुरेश कन्नके ता.कृ.अ. कटोल
, जुमडे ता.कृ.अ. नरखेड़,के साथ साथ
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विक्रम भावरी मंडल कृषि अधिकारी कोंढाली।, पंकज इंगोले, नरेंद्र सवध, जगन्नाथ जयभाये, कुंभरे, अर्जुन पावडे कृषि सहायक जूनापानी ने प्रयास किए।
यहाँ के कृषी संवाद के पश्चात कृषी मंत्री दादाराव भूसे अमरावती संभागीय कृषी बैठक के लिये रवाना हुए ।

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