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वि. जगदाले लिखते है. कोरोना खत्म हुआ था फिर भी आया कैसे? नाइट कर्फ्यू का सच :??

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मुंबई संवाददाता चक्रधर मेश्राम 26 अप्रैल 2021 पिछले साल सितंबर अक्टूबर तक covid पूरी तरह खत्म हो चुका था। बिहार में चुनाव चल रहे थे, रैलियां हो रही थी उसी वक़्त ब्रिटेन मै न्यू कोरोना स्ट्रेन की खबरे चलाई गई […]

मुंबई संवाददाता चक्रधर मेश्राम 26 अप्रैल 2021
पिछले साल सितंबर अक्टूबर तक covid पूरी तरह खत्म हो चुका था। बिहार में चुनाव चल रहे थे, रैलियां हो रही थी उसी वक़्त ब्रिटेन मै न्यू कोरोना स्ट्रेन की खबरे चलाई गई मीडिया में। नवंबर दिसंबर में एकदम से महाराष्ट्र में नाईट कर्फ्यू लगाया गया था। लोग मजाक उड़ाने लगे कि ये कैसी महामारी है जो रात में फैलती है दिन की भीड़ में नहीं।
नवंबर दिसंबर के महीने में रात को 5 जी टेस्टिंग करी गई थी, उसकी फ्रीक्वेंसी बड़ाई गई। 5जी रेडिएशन से जनवरी में सबसे ज्यादा पक्षी मारे गए थे और जनवरी मै मीडिया के मार्फत बर्ड फ्लू की खबरे उड़ाई गई। उस वक़्त कोई बर्ड फ्लु नहीं था बल्कि 5 जी रेडिएशन से ही पक्षी मारे गए थे। उसके बाद फरवरी मै 5 जी टेस्टिंग की फ्रीक्वेंसी बड़ाई गई जिससे छोटे बच्चो पर इसका सबसे पहले असर देखा गया। कई बच्चे मरे थे। नाशिक में गलती से 1.2/1.3 के बजाय फ्रीक्वेंसी को 2.3/2.4 तक बढ़ाया गया जिससे टॉवर के रेंज पास के लोग 9 लोग जगह पर खड़े खड़े 9 लोग तुरंत ही मारे गए। महाराष्ट्र में जब ये सब चल रहा था उस वक़्त गुजरात में इंडिया England के क्रिकेट मैच चल रहे थे और गुजरात में सबकुछ ठीक था ,लेकिन मैच या सीरीज खत्म होते ही इन 15 दिनों 5जी टेस्टिंग की फ्रीक्वेंसी बड़ाई गई जिससे गुजरात में लोगो का मरना शुरू हो गया।
अब वो कह रहे है कि मुंबई में लॉक डाउन लगने की वजह से महामारी कम हो गई और लोगो का मरना कम हुआ लेकिन ऐसा नहीं है, मुंबई में आईपीएल के मैच शुरू हुए थे इसलिए मुंबई में रेडिएशन कम किया गया। और उधर नागपुर, गुजरात और यूपी में रेडिएशन बढ़ाया गया जिससे पिछले 15/20 दिनों में नागपुर , गुजरात और यूपी में लोगो का बीमार होना और मरना शुरू हो गया और नाम महामारी का दिया गया। अब 5 राज्यो के चूनाव चल रहे है, चुनाव खत्म होते ही उन 5 राज्यो में 5जी रेडिएशन बढ़ाया जाएगा जिससे वाहा आपको लोग मरते हुए दिखेंगे और लोगो के मरने के बाद चुनावी भीड़ रैली महामारी का बहाना किया जाएगा। सारा खेल 5जी टेस्टिंग का है। 3 ऑक्टोबर 2020 से 7 अक्टुबर तक औरंगाबाद में covid के 3 पेशंट मरे थे और दूसरी बीमारियों के 120 पेशंट लेकिन सभी पेशंट को covid में डाला गया था ताकि लोगो में डर फैलाया जा सके। अस्पताल में जो लोग मरे है उसमे करीब 90% लोग रेमडेसेविर से मरे है और लोग उसी के लिए मरे जा रहे है। ऑक्सीजन की कमी मास्क लगाने से हो रही है लेकिन फिर भी मास्क पहनने को मजबुर किया जा रहा है। अगर 5 जी टेस्टिंग को रोक दिया जाए तो अपने आप लोगो का मरना थम जाएगा। पूरा खेल वर्ल्ड ऑर्डर के तहत किया जा रहा है जो 2024/2025 तक चलेगा। मकसद है अर्थव्यवस्था को पूरा खत्म कर देना और जनसंख्या को आधी कर देना।

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