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धिरे-धीरे- शुरू हो रहा-रा प नि का यात्री परिवहनआंदोलक(दुखवटा आंदोलक) विलनीकरण (मर्जर पर) पर अडे

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धिरे-धीरे- शुरू हो रहा-रा प नि का यात्री परिवहन आंदोलक(दुखवटा आंदोलक) विलनीकरण (मर्जर पर) पर अडे  निजी यात्री परिवहन से यात्रीयों का परिवहन जारी संवाददाता-कोंढाली-/काटोल विगत 75दोनों से महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन मंडल (रा प नि) के कर्मचारीयों के संगठणाओं […]

धिरे-धीरे- शुरू हो रहा-रा प नि का यात्री परिवहन

आंदोलक(दुखवटा आंदोलक) विलनीकरण

(मर्जर पर) पर अडे

 निजी यात्री परिवहन से यात्रीयों का परिवहन जारी

संवाददाता-कोंढाली-/काटोल

विगत 75दोनों से महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन मंडल (रा प नि) के कर्मचारीयों के संगठणाओं के कृति समीती द्वारा रा प नि का राज्य सरकार में विलनिकरण करन,(मर्जर) सहीत करार तथा अन्य मांगो को लेकर आंदोलन पर है।

राज्य सरकार द्वारा विलनिकरन के मांग के लिये समिती गठीत किया है, गठित समिती का जो निर्णय आयेगा यह मानने की बात रा प नि तथा परिवहन मंत्री ने मानेने कि जानकारी देकर बाकी अनेक मांगे मानी गयी,और कामगारों ने काम पर लौटने का बार बार आवाहन किया है । इस बीच कामगार न्यायलय द्वारा एस टी के कामगार संगठणों के आंदोलन को खिलाफ फैसला दिया, तब कामगार संगठणों ने आंदोलन समाप्त कर सभी कर्मचारीयों को काम पर लौटने का आवाहन किया गया। इस बीच रा प नि के 68सेअधिक आंदोलकों ने आत्महत्या किये जाने के मामले बताये जाते है, अब रा प नि के आंदोलन करने वाले आंदोलकों ने अनसन आंदोलन के बजाय आंदोलन के दौरान आत्महत्या मे मृत कामगारों के प्रति संवेदन (दुखवटा) व्यक्त करने का नाम देकर जब तक मर्जर नही अब तक कामपर ना लौटने का आंदोलन चलाया जा रहा है।

इस बीच रा प नि के वरिष्ठ अधिकारीयों तथा परिवहन मंत्री द्वारा कामपर लौटने के आवाहन को ना मानने वाले तथा जो कर्मचारी कामपर लौटना चाहते है ,उन्हे कामपर लौटने से रोकने वाले कामगारों पर रा प नि के शिस्त तथा अपिल पद्धती के तहत अनेक कर्मियो का निलंबन तथा डिसमिसल जारी है। फिर भी अधिकांस कर्मचारी कामपर नही लौट रहे।जो कर्मचारी कामपर लौटे तथा निजि कंपनीयों से कुछ चालकों(ड्रायव्हरों)तथा रा प नि के सेवानिवृत्त कर्मचारीयों के सहरे रा प नि के बस से कुछ हद तक शुरू कर दी गयी है।पर यह बस सेवा ना काफी बतायी जा रही है. फिलहाल कोविड 19के तिसरी लहर के चलते राज्य में स्कूल -महाविद्यालय बंद है तो छात्रों को बस सेवा से निजात मिली है, पर ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र से दुसरे गांव तथा शहर जाने के लिये भारी कठिनाईयां झेलनी पडती है ।निज बस कंपनीयां तथा अन्य यातायात के चालक मालिक दुगने दाम पर यात्री परिवहन कर रहे है.

रा प नि के महाप्रबंधन द्वारा निजी कंपनीयो के चालक तथा सेवानिवृत्त चालकों के साथ साथ काम लौटे कामगारों के सहारे कुछ हद तक एस टी की यात्री परिवहन सेवा शुरू षकर दी है।

काटोल डिपो अभी भी बंद ही

नागपुर जिले के शहर के चार डिपो यात्री सेवा कुछ हद तक यात्री परिवहन शुरू होचूकी है,पर काटोल डीपो मे दो तिन कर्मचारी कामपर लौटे है, यहां से अब तक सिर्फ एक बस ही यात्री परिवहन में लगी है।

कोंढाली बस स्टेशन से13बसों से यात्री परिवहन

रा प नि काटोल डिपो के तहत आनेवाला तथा राजमार्ग संख्या 06 के कोंढाली बस स्टेशन से नागपुर- अमरावती के लिये य13यात्री बसें की आवाजाही शुरू होने से रा प नि द्वारा धिरे धिरे यात्री परिवहन शुरू हो चूकी है। पर यह यात्री परिवहन ना काफी है।15फरवरी के बाद स्कूल- महाविद्यालय शुरू होने पर छात्रों को बस सेवा की आवश्यकता होगी वहीं किसान खेतिहर मजदूरों के साथ साथ कर्मचारीयों को भी पुर्वरूप से यात्री परिवहन आवश्यक है ।इसके लिये रा प नि के वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा कर्मचारीयों के गांव तथा घर जा कर काम पर लौटने का आवाहन कर रहे है ।पर जब अधिकारी रा प नि से संबधीत कर्मचारी के गांव पहूचते है तब वे अधिकारीयों से मिलना टाल देते है.।

विलनिकरन समिती का अहवाल पर आधारित है आंदोलन

रा प नि कर्मियो का दुखवटा अनसन यह विलनिकरण (मर्जर) समिती के फैसले के इंतजार में है ।यह फैसला क्या आता है, इस पर दुखवटा आंदोलक क्या रूख अपनाते है इस पर आधारित यह आंदोलन यदी जल्द समाप्त नही होता तो सरकार की नाकामी तथा आंदोलकों की मनमानी से त्रस्त यात्री, छात्रों को अधिकारीयों के खिलाफ आंदोलन कर रा प नि की सरकारी सहुलतों के साथ यात्री परिवहन के नीजीकरण पर विचार करने पर सोचने पर भी चर्चा होने की जानकारी मिली है

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