▪कोरोना काल में सरकारी कर्मचारियों के लिए▪ ▪’ नो वैक्सीन नो पेमेंट ‘ बनी मुसीबत ▪ ▪वैक्सीन अनिवार्य न होने के बादभी सरकार सरकारी▪ कर्मचारियोंन पर डाल रही ▪ ▪दबाव ▪▪▪▪
▪पोलीस योद्धा वृत्त सेवा▪
कोरोना काल मे जहां आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया
है तो वही सरकारी कर्मचारी भी कई मुसीबीतों से जुझ रहे है , इ सी बीच सरकारने सरकारी कर्मचारियोंन के लिये ” नो वैक्सीन , नो पेमेंट ” का सिध्दांत अनिवार्य करके उनको और ज्यादा मुसीबत में डाल दिया है . जबकी आर टी आय अधिनियम -2005 के तह ‘ स्वा स्थ और परिवार कल्याण मंत्रालय – भारत सरकार ‘ से मिली एक जानकारी
के मुताबिक , कोरोना वैक्सीन न तो अनिवार्य और न ही वैक्सीन
के लिये किसींको जबरदस्ती किया जा सकता है. बल्की , कोरोना वैक्सीन स्वेइच्छिक है. इ तना ही नहीं , स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकारसे
मिली जनकारी मे यह भी स्पष्ट किया गया है की वैक्सीन नहीं लेने पर न तो किसीका वेतन रोका जा सकता है,न तो पेंशन और न ही किसींको किसींभी सरकारी योजनाओ से वंचित किया जा सकता है. इ सके बाद भी सरकार सरकारी कर्मचारियोन
पर ‘ नो वैक्सीन, नो पेमेंट ‘ जबरदस्ती लागू कर रही है.
अब यंहा पर सबसे बडा सवाल खडा होता है की क्या भारत सरकारने ‘कोरोना वैक्सीन ‘
अनिवार्य कारनेके लिए कोई लिखित आदेश जारी किया है ??? अगर हा तो उस को सार्वजनिक क्यो नहीं किया ???
अगर आदेश जारी नहीं किया है तो सरकार क्यों लोगों के उपर जबरदस्ती थोप रही है ???
सरकार क्यों सरकारी कर्मचारियोंन को जबरदस्ती कर रही है कि ‘ जबतक वैक्सीन नहीं, तब तक पेमेंट नहीं ‘ ???
गौरतलब है कि 27 फरवरी 2021 को झारखंड के अनुराग सिन्हा ने वैक्सीन को लेक र आर टी आई अधिनियम -2005 के तहत सिन्हा ने सवाल पुछा था की कोरोना वैक्सीन लेना स्वेछिक है या अनिवार्य स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्रालय- भारत सरकारने 09 मार्च 2021 को लिखीत रुपसे जबाब दिया की कोरोना वैक्सीन लेना स्वैइच्छिक है. आगला सवाल है की क्या वैक्सीन न लेने पर सारी सरकारी सुविधाए बंद कर दि जा एगी, सरकारी योजना , पेंशन आदी ??? इ न सभी सवालो के जबाब मे स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्रालय -भारत सरकार
ने लिखा , आवेदन मे लीखी बा ते
निराधार है. किसींभी सरकारी सुविधा , नागरिकता , नौ करी इ त्यादिसे वैक्सीन का कोई
सं मधं नहीं है .
अब यंहा पर पुनः सवाल उठता है की जब भारत सरकार के तरफसे वैक्सीन को सभिकेलिए अनिवार्य करने का कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया है तो फिर ‘ नो वैक्सीन, नो पेमेंट ‘ की जबरदस्ती कोण कर रहा है . जबकी वैक्सीन स्वेच्छीक है. इ सके बा द भी सरकार मनमानी करने से बाज नहीं आ रही है.
▪पोलीस योद्धा वृत्त सेवा ▪
▪महेश देवशोध (राठोड )▪
▪वर्धा, जिल्हा प्रतिनिधी ▪
▪7378703472▪