शिरमी के पहाडीयों तक मातोश्री ग्राम समृद्धी सड़क (पांदण सड़क) निर्माण की किसानों द्वारा मांग वन विभाग से मंजूरी की प्रतिक्षा

कोंढाली-संवाददाता
किसानों के लिए खेत तक जाने के लिए सड़क का होना बहुत जरूरी है। जब कृषि के लिए सड़क नहीं है, तो फसल को सही समय पर बाजार में लाना मुश्किल है। बाजार मूल्य कम होने के कारण किसानों को भारी नुकसान होता है। इसलिए मातोश्री ग्राम समृद्धि शेत पाणंद मार्ग योजना किसानों के लिए बहुत उपयोगी होती है।
मातोश्री ग्राम समृद्धि शेत पाणंद सड़क योजना
मातोश्री ग्राम समृद्धि शेत पानानंद रास्ता योजना के माध्यम से शुरू की गयी है। महात्मा गांधी रोजगार योजना के तहत मातोश्री शेत राज्य योजना लागू की गयी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कई किसानों को अपने-अपने खेतों तक पहुंच मार्ग तक नहीं है। ऐसे में किसानों को अपने-अपने घेतो में पहूंचने के लिये कई संकटों का सामना करना पडता है. साथ ही अनेक बार समिपस्थ किसानोंके साथ गहरे मतभेद हो जाते है. ऐसे में खेती बोने से लेकर फसल कटाई तक तथा फसलो घर या बाजार ले जाने तक भारी कठिनायां झेलनी पडती है, शिरमी के किसानों के खेतों तक पहूंचने के लिये पांधन सडक को लगकर सात बारा पर सरकारी जमिन दर्शायी गयी है, इसकी जांच वन तथा राजस्व विभाग द्वारा की जा रही है,यह जानकारी शिरमी के किसनों ने दी है, यहां के किसान
अशोक जुनघरे,देविदास जुनघरे,संजय जुनघरे, किशोर जुनघरे,कोठिराम जुनघरे,बालाजी जुनघरे,नारायण काकडे,की खेती इस क्षेत्र में है. इन के साथ ही अनेक किसानों को खेतों तक पहूंचने में अनेक कठिनायां झेलनी पडती है.इन सभी किसानों नें पांदण सडक मार्ग की मांग की है. ग्रा प कोंढाली द्वारा विगत दो वर्षे पुर्व ही यहां के किसानों के खेतों पहूंचने के लिये पांदण सडक निर्माण के लिये ग्राम पंचायत द्वारा पांदण सडक निर्माण के लिये प्रस्ताव भी मंजूर किया तथा संबधीत विभाग को दिया गया है. किसानों ने बताया की पांदण सडक के आभाव के चलते किसानों कों उनके फसलों के उत्पादन का सही समय सही बाजार मूल्य प्राप्त करने के लिए सही समय पर माल को बाजार में पहुंचाना बहुत जरूरी है। इसलिए सड़क के महत्व को रेखांकित करते हुए मातोश्री शेत रास्ता योजना निर्माण करने की मांग की है. जो कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
काटोल तहसील में कृषि सड़कों की बहुत आवश्यकता है। हालांकि बारामासी फसलें आर्थिक रूप से व्यवहार्य होती हैं, लेकिन खेती के लिये जोड सड़क न होने के कारण किसान ऐसी फसलों की खेती करने पर विचार नहीं करते हैं। खेतों तक सड़कों की कमी किसानों को विभिन्न फसलें प्राप्त करने में एक बड़ी बाधा बनती है, किसानों को माल ढुलाई या अन्य उद्देश्यों के लिए उनके खेतों तक ले जाने के लिए पक्की सड़क बनाने की मांग की गयी है। पर शिरमी के पहाडी के समिप के किसान को अपने खते तक पहूंचने के लिये वन विभाग की अनुमती की आवश्यक है. वन विभाग द्वारा यहां के पांधन सडक निर्माण के निरिक्षण कर मंजूरी देने की मांग कोंढाली के सरपंच केशवराव धुर्वे तथा उपसरपंच स्वप्निल व्यास द्वारा की गयी है.
साथ ही रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार चाहने वाले व्यक्ति को अकुशल रोजगार उपलब्ध कराना
ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक आधारभूत संरचना का निर्माण करना।
प्रत्येक गांव में औसतन 5 किमी तक शेत(खेत)पाणंद सडक का निर्माण के उद्देश्य
मातोश्री शेत सडक निर्माण योजना से चौतरफा बारहमासी कृषि सड़कों, सभी खेतों के लिए उपयुक्त गुणवत्ता के पांदान मार्ग बनाने के लिए है.। किंतू मंजूर निधी, से किसान समृद्धी सड़के(पांदण सड़क) का निर्माण नही हो पाती.
काटोल तहसील कोंढाली- शिरमी के सरपंच द्वारा दी गयी किसानों के साथ ही
कोंढाली के संजय राऊत, याकूब पठाण, कौंसील फार ह्यूमन राईट के बब्लू (दुर्गेश)बिसेन, राजू डोंगरे ,चिखली के सरपंच राजकुमार चोपडे , खैरी के सरपंच थामस निंभोरकर,किसान महेश तिवारी, आयुष्यमान पांडे, आदी द्वारा किसान समृद्धी मार्ग (पी.आर.डी.ए.)के लिये एक अलग विभाग के तहत विषेश निधी के प्रावधान की राज्य तथा केंद्र सरकार से की है.
शिरमी के किसान के लिये पांधन मार्ग के लिये वनपरिक्षेत्र अधिकारी निशिकांत कापगते से पुंछने पर बताया की शिरमी पांधन सडक निर्माण के लिये लगनेवाले कागजातों की जांच करने पर पांधन मार्ग निर्माण के लिये त्वरीत मंजुरी दे दी जायेगी.