गांव -गांव मे(ग्रामनिहाय) पशुधन गणना शुरू ; पशुधन गणना में भाग लें और पशुधन की जानकरी देने में सहयोग करें डॉ. इरोज सोमकुवर
कोंढाली- संवाददाता
प्रत्येक पांच वर्षों के बाद केंद्र सरकार के आदेशानुसार राज्यों में पशुधन की गणना की जाती है .
पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग के माध्यम से, 25 नवंबर से नागपुर जिले में पशुगणना अभियान शुरू हो गया है. पशुधन की गणना 28 फरवरी, 2025 तक जारी रहेगी, इस दौरान गणनाकार घर-घर जाकर पशुधन के बारे में जानकारी एकत्र करेंगे। हर गांव और शहर में प्रगणक नागरिकों से बातचीत कर जानकारी जुटाएंगे। इस अभियान में सहयोग देने के लिये जिला पशुसंवर्धन अधिकारी डॉ. कविता मोर ने नागरिकों से इस पशुधन गणना में भाग लेने और पशुधन की जानकारी देने और सहयोग करने की अपील की है। इस पशुगणना में पशुधन एवं कुक्कुट की सभी प्रजातियों की गणना लिंग एवं आयु के अनुसार की जायेगी। पशुओं की गणना करने के लिए प्रगणकों को प्रशिक्षित किया गया है क्योंकि पशुओं की गणना संगणकिय प्रणाली पर की जाएगी। पशुपालन विभाग के माध्यम से जिले में प्रगणक एवं पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये हैं। पशुधन की गणना के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए गणनाकारों की नियुक्ति की जाती है। उक्त पशुगणना में पशुधन एवं कुक्कुट की सभी प्रजातियों की गणना लिंग एवं आयु के अनुसार की जायेगी। सभी इस अभियान को सफल बनाने के लिये ग्राम सरपंचों, ग्राम पंचायत अधिकारियों, सभी ग्राम पंचायत स्तर के सभी कर्मचारियों को पशु गणना करने वाले प्रगणकों को सहयोग करना चाहिए. यह पशु गणना 25 नवंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक ग्राम/नागरी क्षेत्र स्तर पर की जाएगी। जिससे ग्राम स्तर पर सभी पशुओं को पशुधन गणना में दर्ज किया जा सकेगा। पशुधन गणना से किसी भी पशुधन को बाहर नहीं किया जाएगा। पशुधन गणना में गणनाकर्ता परिवार के मुखिया का नाम, उसकी शिक्षा, पशुओं की प्रजाति, उम्र, लिंग, उन्हें किस उद्देश्य से पाला जाता है, उनसे प्राप्त उत्पाद जैसी विभिन्न जानकारियां एकत्र की जाएंगी। बुचडखाने में,के साथ ही प्रतिदिन मारे जाने वाले पशु-पक्षियों की संख्या, गौशालाएं, छोटे-बड़े पंजीकृत और अपंजीकृत मुर्गी पालन संस्थान, मांस बिक्री केंद्र, प्रतिदिन काटे जाने वाले पशु, पक्षी, छुट्टा पशु, कुत्ते आदि का अलग-अलग पंजीकरण किया जाएगा। उक्त पशुगणना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस पशुधनगणना से प्राप्त जानकारी अगले पांच वर्षों की योजना, रणनीतिक निर्णय और विभिन्न योजनाओं के लिए बहुत उपयोगी है। काटोल तालुका पशुधन विकास अधिकारी डॉ. लाडूकर और कोंढाली पशुधन चिकित्सा अधिकारी डॉ. इरोज सोमकुवर ने पशुओं की गणना करने वाले गणनाकारों से अपना अधिकतम सहयोग देने की अपील की है।