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कोंढाली सहित संपुर्ण तहसील के सोयाबीन फसलों पर पीला मोज़ेक रोग का संकट 80 से 90 फीसदी सोयाबीन फसल बर्बाद किसानों की राज्य सरकार द्वारा मुआवजे की मांग

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संवाददाता -कोंढाली इस वर्ष पहले भारी बारिश और उसके बाद डेढ़ महीने तक बारिश न होने से पहले ही खेती संकट में है। इसमें सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक रोग का प्रकोप के चलते सोयाबीन की 85से90% फसल का […]

संवाददाता -कोंढाली
इस वर्ष पहले भारी बारिश और उसके बाद डेढ़ महीने तक बारिश न होने से पहले ही खेती संकट में है। इसमें सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक रोग का प्रकोप के चलते सोयाबीन की 85से90%
फसल का नुकसान हुआ है. कृषि विभाग ने किसानों से समय रहते सावधानी बरतने की अपील की और दवा के बारे में जानकारी दी। कृषि अधिकारी के कहे अनुसार कीटनाशकों के प्रयोग के बावजूद कोंढाली मेटपंजरा सहित काटोल तालुका की नकदी की सोयाबीन की फसल पर घातक बीमारी का संकट पैदा हो गया है। जहां किसान पहले से ही बेमौसम और अत्यधिक बारिश की दोहरी मुसीबत में था, वहीं अब किसानों के खेत के सोयाबीन के फसलों को मोजेक जैसे घातक प्रकोप के कारण किसान पूरी तरह से निराश हो गया है।अब स्थानिय किसानों की महायुती सरकार के मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री, कृषी मंत्री (सरकार) से सोयाबीन उत्पादक किसान को मुआवजे के घोषणा की उम्मीद बताई गयी है.
सोयाबीन की फसल पर पीला मोज़ेक रोग का संकट
सोयाबीन किसान संकट में हैं. सोयाबीन पीला मोजेक वायरस से संक्रमित हो गया है। कोंढाली क्षेत्र सहित तालुक के सभी कृषि मंडलों में सोयाबीन की फसल पर पीला मोज़ेक रोग देखा जा रहा है. इस पीले मोज़ेक के प्रभाव में मुख्य रूप से काटोल तालुक में देखा जा रहा है। इसकी सूचना मिलते ही कृषि विभाग ने तुरंत नियंत्रण दल के साथ किसानों का दौरा किया.
कृषी विभागाने के निर्देशानुसार सोयाबीन पर उपचार भी किये गये फिर भी 85से90%सोयाबीन की फसल किसानों के हांथ से‌ निकल गयी. तूं कहे मोजाक विषाणू ने किसानों के मूंह का निवाला ही छीन लिया है. काटोल तहसील मे१०९७६हे.आर में सोयाबीन की फसल बोई जाने की जानकारी कृषी अधिकारी विक्रम भामरी द्वारा दी गयी है.साथ ही बताया की 20सिंम्बरतक*कोंढाली सहित संपुर्ण तहसील के सोयाबीन फसलों पर पीला मोज़ेक रोग का संकट
80 से 90 फीसदी सोयाबीन फसल बर्बाद
किसानों की राज्य सरकार द्वारा मुआवजे की मांग
संवाददाता -कोंढाली दुर्गाप्रसाद पांडे
इस वर्ष पहले भारी बारिश और उसके बाद डेढ़ महीने तक बारिश न होने से पहले ही खेती संकट में है। इसमें सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक रोग का प्रकोप के चलते सोयाबीन की 85से90%
फसल का नुकसान हुआ है. कृषि विभाग ने किसानों से समय रहते सावधानी बरतने की अपील की और दवा के बारे में जानकारी दी। कृषि अधिकारी के कहे अनुसार कीटनाशकों के प्रयोग के बावजूद कोंढाली मेटपंजरा सहित काटोल तालुका की नकदी की सोयाबीन की फसल पर घातक बीमारी का संकट पैदा हो गया है। जहां किसान पहले से ही बेमौसम और अत्यधिक बारिश की दोहरी मुसीबत में था, वहीं अब किसानों के खेत के सोयाबीन के फसलों को मोजेक जैसे घातक प्रकोप के कारण किसान पूरी तरह से निराश हो गया है।अब स्थानिय किसानों की महायुती सरकार के मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री, कृषी मंत्री (सरकार) से सोयाबीन उत्पादक किसान को मुआवजे के घोषणा की उम्मीद बताई गयी है.
सोयाबीन की फसल पर पीला मोज़ेक रोग का संकट
सोयाबीन किसान संकट में हैं. सोयाबीन पीला मोजेक वायरस से संक्रमित हो गया है। कोंढाली क्षेत्र सहित तालुक के सभी कृषि मंडलों में सोयाबीन की फसल पर पीला मोज़ेक रोग देखा जा रहा है. इस पीले मोज़ेक के प्रभाव में मुख्य रूप से काटोल तालुक में देखा जा रहा है। इसकी सूचना मिलते ही कृषि विभाग ने तुरंत नियंत्रण दल के साथ किसानों का दौरा किया.
कृषी विभागाने के निर्देशानुसार सोयाबीन पर उपचार भी किये गये फिर भी 85से90%सोयाबीन की फसल किसानों के हांथ से‌ निकल गयी. तूं कहे मोजाक विषाणू ने किसानों के मूंह का निवाला ही छीन लिया है. काटोल तहसील मे१०९७६हे.आर में सोयाबीन की फसल बोई जाने की जानकारी कृषी अधिकारी विक्रम भामरी द्वारा दी गयी है. साथ ही उन्होंने आगे‌ बताया की 20सितंम्बर तक 68से 70%सोयाबीन की फसल मोजाक के प्रादुर्भाव दिखाई पड रहा है.
कोंढाली क्षेत्र के किसानों पर चौतराफा मार के चलते खापा, धोतीवाडा, कामठी, मासोद, जाटलापुर, धुरखेडा, बोरगाव, चिखली, खैरी, तरोडा,धामनगाव, खापरी, जामगढ, जुनापानी, खुर्सापार, चंदनपारडी, मुर्ती, बिहालगोंदी, कुंडी, शेकापूर, रिंगणाबोडी,म्हाडा, मिनिवाडा, पुसागोंदी, घुबडी, कोंढाली, सोनेगाव, शिरमी, कचारीसावंगा,कलकूही, दुधाला, दोडकी, वसंतनगर नांदोरा मेंढेपढार, सहीत समिपस्थ आनेक गांव के किसानों के सोयाबीन की फसलें चौपट हो गयी है . स्थानिक किसान महेंद्र ठवले,गौरव धांडे, वीरेंद्र सिंह व्यास, रामचंद्र चव्हाण, कृष्णराव किनेकर, प्रकाश बारंगे,हेमलता पांडे, राजकुमार चोपडे, सुधीर गोतमारे,थामस निंभोरकर संजय राऊत,पदम पाटील डेहणकर,कमलेश गुप्ता रामदास मरकाम, नरेश नागपूरे,विजयसिंह रननवरे, याकूब पठाण,चंद्रशेखर ढोरे, रमेश चव्हाण,किस्मत चव्हाण, अंसार बेग, रोहीत गोलाईत,द्वारा सरकार से मुआवजे की मांग की गयी है.

एक माह पहले और एक माह के बाद की सोयाबीन की फसल.के फोटो

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