कोंढाली डाकबंगला (विश्रामगृह) बना भूतबंगला संपुर्ण साहित्य गया चोरी लोकनिर्माण विभाग किअनदेखी संवाददाता-कोंढाली -दुर्गाप्रसाद पांडे

नागपुर-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या क्र 06/53 के कोंढाली में स्थित डाकबंगला (रेस्टहाऊस) विगत11 वर्षों से बंद अवस्था पडा होने से यह डाकबंगला अब भुतबंगलें में तब्दिल हो रहा है.
काटोल तहसील के कोंढाली के सरकारी विश्राम गृह वर्तमान में दुर्लक्षित पड़ा हुआ है.यहां के सभी सामग्री (बिस्तर, सोफे, गद्दे और अन्य आवश्यक सामान) चोरी हो गए हैं।सरकार के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की अक्षम्य दुर्लक्षता के वजह से एक समय के प्रसिद्ध डाक बंगला (विश्राम गृह) भूत बंगले में तब्दील हो गया है. इसकी जानकारी स्थानिय नागरिकांना ने दी है.बतया जाता है की करीब ढाई एकड़ क्षेत्रफल में बने इस विश्राम गृह की ओर किसी का ध्यान नहीं है,वहीं अबतक लोकनिर्माण अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हैं.
काटोल तालुका के कोंढाली गांव नागपुर जिले के नागपूर से 50 किमी दूरपर 1914के पहले यहां ब्रिटिश काल के दौरान (डाकबंगला)
विश्राम गृह बनाया गया। हालांकि अब इस विश्राम गृह की तरफ लोक निर्माण विभाग द्वारा दुर्लक्षितता के वजह से इसकी हालत भूत बंगले जैसी हो गई है। यहां बिजलीआपुर्ती नहीं है, पानी का कनेक्शन नहीं है और रखरखाव के लिए किसी को नियुक्त नहीं किया गया है। 10 साल पहले इस विश्राम गृह का कुछ रखरखाव कराया गया था। हालांकि यहां के खानसामा के सेवानिवृत्ति के बाद लोक निर्माण विभाग के माध्यम से नए खानसामा की नियुक्ति नहीं की गई। इस बीच कई कर्मचारी उम्र के कारण सेवानिवृत्त हो चुके हैं और अब विश्राम गृह की देखरेख के लिए कोई कर्मचारी नहीं है
कोंढाली(दुधाला)गांव होकर जने वाले राज मार्ग और हाइवे से यात्रा करने वाले बड़े राजनीतिक नेता इसी विश्राम गृह में ठहरते थे। इस रेस्ट पर व्ही व्ही आय पी रूका करते थे.जिनमें में पूर्व प्रधानमंत्री और रामटेक सांसद पीवी नरसिम्हा राव, राष्ट्रवादी कांग्रेस सुप्रीमो शरद चंद्र पवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री वसंतराव साठे, पूर्व मुख्यमंत्री वसंतराव नाइक, सुधाकर राव नाइक के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी ठहरे हुए थे. घर। इस क्षेत्र के विधायक और पूर्व मंत्री, बैरिस्टर शेषराव वानखेड़े,पुर्व कृषी मंत्री भगवंतराव गायकवाड़, पूर्व मंत्री बाबासाहेब केदार, पूर्व मंत्री रमेशचंद्र बंग और वर्तमान विधायक तथा पु्र् गृह मंत्री अनिल देशमुख, आदि द्वारा यंहा बैठकें होती थी.वर्ष तक 2012 के दौरान यहां सभी सरकारी बैठकें भी यहां करते थे। इसके अलावा, कोंढाली एक केंद्रीय स्थान है,यहां पुलिस स्टेशन, वन विभाग कार्यालय बीजली, स्वास्थ्य सेवाके कार्यालय के साथही है। , प्राथमिक एक स्वास्थ्य केंद्र, के टू पी जी स्कूल-कॉलेज है.साथ ही यहां का डाक बंगला कोलकाता-नागपुर मुंबई-राजमार्ग के सामने ही है। एक समय यहां हमेशा बड़े नेताओं और अधिकारियों का तांता लगा रहता था।कोंढाली विश्रामगृह का अद्यावत कर अप टू डेट करने की मांग नरेशसिंह सेंगर, ब्रजेश तिवारी, अरूण खोडणकर,कमलेश गुप्ता, यादव राव बागडते,राजेंद्र खामकर, बाबा शेख,
पदम डेहणकर,संजय आगरकर,गोपाल माकोडे,सुरेंद्र भाजीखाये, कूणाल भांगे,
आयुष्य मान पांडे, बबलू बिसेन, वैभव लाड,महेंद्र धर्मे, तापेश रेवतकर, डी आर पांडे, आदी द्वारा विश्राम गृह के नवनिर्माण की मांग की है। हालांकि, ब्रिटिश काल में बना विश्राम गृह जर्जर हालत में है,अब तक खानसामा को पद पर नियुक्त नहीं किया गया है, इसलिए विश्राम गृह विगत 10 वर्षों से बंद है।
इस विश्राम गृह की हालत को देखते हुए विधायक अनिल देशमुख ने 2013 में विश्राम गृह के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव भेजा था।तब इसकी थोड़ी बहुत मरम्मत की गई थी, लेकिन 2014 के बाद इस विश्राम गृह की सारी सामग्री चोरी होने के बावजूद लोक निर्माण विभाग ने थाने में सामग्री चोरी की शिकायत तक दर्ज नहीं की।
दरअसल लोक निर्माण विभाग के कोंढाली शाखा अभियंता का मुख्यालय व कार्यालय इसी विश्राम भवन क्षेत्र में है। यहां के नियुक्त लोक निर्माण शाखा अभियंता इस कार्यालय में नहीं बैठते। संबंधित शाखा अभियंता कार्यालय के दरवाजे व खिड़कियां खुलीपडी हैं।
इस विषय पर लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता ई ई गौरी से पुंछने पर बताया की विश्राम गृह के लिये लगने वाले खानसामा कर्मीयों की भरती बंद है, फिर भी कोंढाली विश्राम गृह को जल्द से जल्द कैसे सुसज्जित किया जाएगा, इसके लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी