*किसानों को मदद करना ही पुण्य कर्म है.* * छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा किसानों को संकट के समय मदद करने का निर्देश थे* * प्रभु ठाकरे * * *छत्रपति शिवाजी महाराज का अर्थ है शौर्य, दृढ़ता और उदारता* *
संवाददाता-कोंढाली-
दुनिया में छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा का सम्मान किया जाता है। उनकी बहादुरी-धैर्य और उदारता की विचारधारा , ही एक विचारधारा बन गई है। छत्रपति शिवाजी महाराज की तलवार जिस प्रकार चलती थी, वे अपने राज्य के लोगों से उतनाही प्यार भी करते थे। महाराज अपनी प्रजा से उतना ही प्रेम करते थे, जितना कि उनके कर्तव्य सख्त थे।
किसानों के सब्जी के डंठल तक को ना छुएं। बिना किमत दिये किसानों से कुछ न लें, संकट के समय में उनकी मदद करना ही सबसे पुण्य कर्म है. ऐसा आदेश तुमको उपदेश छत्रपति शिवाजी महाराज के थे.
यह मार्गदर्शन कोंढाली पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी प्रभु ठाकरे ने व्यक्त की,
कोंढाली् के हुतम्मा स्मारक में मार्दव प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर मार्दव प्रतिष्ठान के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों का मार्गदर्शन किया। ।छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर, कोविद 19 के सरकारी प्रशासन द्वारा निर्देशानुसार इस समारोह का आयोजन किया गया था।
इस अवसर पर रक्तदान कार्यक्रम का भी आयोजन किया गयाथा। इस अवसर पर कोंढली सरपंच केशवराव धुर्वे, उप सरपंच स्वप्निल व्यास, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गा प्रसाद पांडे,पो उ नी राम ढगे, बृजेश तिवारी, प्रमोद धारपुरे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस अवसर पर मार्दव प्रतिष्ठान की ओर से रक्तदान अभियान का आयोजन किया गया।
ग्रा प कोंढाली, तथा कोशिश एवं साहस फांऊडेशन द्वारा संचालित पुलिस भरती पुर्व प्रशिक्षण शिबीर के प्रशिक्षणार्थीयों द्वारा भी श्री छत्रपती शिवाजी महाराज जयंती मनाई गयी.