*किसानों के खतों के तथा गृहणीयों के किचन का.बजट गडबडया* *घर चलाये तों कसे चलायें* *महीलाओं ने उपस्थित किये सवाल*
कोंढाली-/संवाददाता
पेट्रोल-डिझल- तथा खाद के साथ साथ खानापकाने का गैस सिलेंडर के दाम बढने से आम नागरिक,किसान तथा गृहणियों का दैनिक तथा मासिक बजट गडबडा गया है.
दिन प्रतिदिन महगाई बढते ही जा रही है,ऐसे में आम आदमी जीये तो कैसे जीये यह सवाल सर्व सामान्य गृहणि तथा आम नागरिक के साथ साथ किसान भी कर रहा है.
केंद्र सरकार के तहत आनेवाली गैस कंपनीयों द्वारा प्रति सिलेंडर २५रुपयों की बढोत्तरी की गयी है. वहीं खाद उत्पाद करनेवाली कंपनीयों द्वारा 17.34प्रतिशत दाम बढ जाने से किसान परेशान है.
विगत दिसंम्बर माह से अब तक गैस सिलेंडर पर १६बार गैस सिलेंडर पर बढत्तरी की जानकारी गृहणीयों द्वारा दी गयी है.
इस विषय पर ग्रामिण क्षेत्र के कोंढाली तथा समिपस्थ गांव के गांव के महिला तथा किसानों से पुछने पर बताया की गैस सिलेंडर पर होने वाली बढोत्तरी के चलते ग्रामिण आंचल मे किचन बजट पर भारी परेशानी झेलनी पडती है.
साथ ही दाल भी 110 /- प्रति किलो हो गयी है तथा डिझल 90 /-तथा पेट्रोल80/90/पुरे 100का आंकडे पर पहूंच गया.है
खेती के उपयोग मे चलाने.वाले किसानों को डिझल महंगायी की मार झेलनी पड रही है.
कोरोना की के लाकडऊन से पहले ही आम नागरीक परेशान है. रोजगारों को बेरोजगारी का मुकाबला करना पड रहा है.
*खाद के दाम में17.34%की वृद्धी*
खाद निर्माण कंपनीयों द्वारा एक मार्च से खाद की किंमतों में साधे सिधे17.34%प्रतिशत बढोत्तरी की है. जिससे किसानों के उत्पाद खर्चों पर अंदाजन 20से25प्रतिशत अधिक लागत आयेगी. इस लिये किसानों में चिंता का वातावरण बना हुआ है. किसानों द्वारा खाद के भाव कम करने की मांग की गयी.
किसान पहले ही डीज़ल की बढ़ी किमतों की मार झेल रहे है,साथही अनेक विपदा के समस्या में है. वहीं अब खाद की बढ़ी किमतों के चलते चिंता में बताया जाता है .
एक ओर दिल्ली के सीमा पर किसानों द्वारा केंद्र सरकार के तिन नये कृषी कानूनों के खिलाफ 103दिनों से आंदोलन कर रहे है. वहीं अब महाराष्ट्र में खाद के दामों में 20-25%दाम बढाकर किसानों और भी संकट में डाल जा रहा है.
यह खाद, डीजल तथा जीवनावश्यक वस्तूंओं के दाम कम किये जाने की मांग स्थानिय किसान बालासाहब जाधव, सुभाष ठवले, संजय राऊत, याकूब पठाण, शेख नुरमहंमद आदी द्वारा किये गये है.