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कोंढाली वनपरिक्षेत्र में बाघ तथा तेंदुऐ का आतंक एक ही‌ किसान के अब तक ,07गोवंशों की शिकार

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संवाददाता -कोंढाली- नागपूर -वर्धा जिले के सीमा के वर्धा जिले के बोर अभयारण्य के बफर झोन के कोंढाली वनपरिक्षेत्र के घुबडी उपवन के धोटीवाडा वन कक्ष सीमा के किसानों का बोर अभयारण्य के बाघ तेंदुओं ने जीना हराम (दुभर)कर दिया […]

संवाददाता -कोंढाली-
नागपूर -वर्धा जिले के सीमा के वर्धा जिले के बोर अभयारण्य के बफर झोन के कोंढाली वनपरिक्षेत्र के घुबडी उपवन के धोटीवाडा वन कक्ष सीमा के किसानों का बोर अभयारण्य के बाघ तेंदुओं ने जीना हराम (दुभर)कर दिया हैं. मात्र पांच माह(27फरवरी से 07जूनतक) के भितर ही यहाँ के किसान हिंमत भूराजी ढोरे के गोशाला में बंधे तीन वर्षिय बडे बछडे को तेंदुऐ ने अपना शिकार बनाया है . सात जुलाई के सुबह चार बजे के दरमियान धोतीवाडा के किसान हिंमत भूराजी ढोरे के किनकिधोडा कक्ष क्र ८८के गोशाला में बंधे चार वर्षीय बछडे को अपना शिकार बनाया. घटना की जानकारी वनविभाग देने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी निशिकांत कापगते उप वन अधिकारी एस आर सोनोने वन रक्षक आर एस लाखाडे घटनास्थल पहूंचकर पशु चिकित्सक डॉ स्वप्निल रेवतकर द्वारा घटनास्थल पर पंचनामा तथा मृत पशु का शव विच्छेदन का अहवाल बनाकर किसान को क्षती पुर्ती मिलने के लिये प्रकरण वरिष्ठ कार्यालय को भेजा गया है. पिडीत किसान हिंमतराव ढोरे ने बताया की विगत 11 माह में 12गोवंशों (पशुओं) को तेंदुऐ ने अपना निशाना बनाया जा ‌चूका‌ है. पहले ही किसान चौतरफा संकट में है. जोड व्यवसाय के लिये पशुपालन करने वाले बफर झोन क्षेत्र सीमा से सटे गांव के किसानों के पशुधन को तेंदुऐ/बाघ अपना निशाना बनाते है.
बाघ/तेंदुऐ द्वारा शिकार पशुधन के मुआवजे मिलने में देरी होने से किसानों को चौतरफा मार झेलनी पड रही है.
इस विषय में वन अधिकारी निशिकांत कापगते से पुंछने पर बताया की कोंढाली वन परिक्षेत्र में वन्यप्राणीयों द्वारा किसानों के पशुओं अथवा फसलों के हानी के मुआवजे के प्रकरण वरिष्ठ कार्यालय भेजे गये है.

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