*अशासकिय नियुक्तीयों के इंतजार में कार्यकर्तागण* *एक वर्ष बीत गये अशासकिय समितीयों के गठण को नही मिल रहा महूरत*

कार्यकर्ता गणों मे योग्यता नही? की अशायकिय समितीयों के गठण नही करना चाहती महाविकास आघाडी
संवाददाता-कोंढाली/काटोल
शिव- सेना,राष्ट्रवादी- काँग्रेस तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस राज्य में सत्ताधारी दल है. इन तिनों दलों के कार्यकर्ताओं को अब राज्य के प्रदेश, जिला तथा तहसील स्तर के शासकीय समितीयों पर अशासकिय कमेटीयों के अध्यक्ष तथा सदस्य के रूप नियुक्त की जाती है. इन सबके नियुक्तीयों के अधिकार जिले के पालक मंत्री को होते है.
सरकार बनने के बाद स्थानिय कार्यकर्ताओं में भी शासन के कमेटीयों में स्थानपाने के लिये उम्मीद पाले अनेक कार्यकर्ताओं की अपेक्षा भंग होते नजर आ रही है. कारण की सरकार बनने मे एक वर्ष बितने पर भी अब तक राज्य, जिला, तथा तहसील कमेटीओं पर अशासकिय सदस्यों की अब तक नियुक्तीयां नही हुई है.
जिले के कमेटीयों के अध्यक्ष अधिकांश पालकमंत्री ही होते है, जिसमें जिलाधिकारी, अतिरिक्त जिलाधिकारी, जिलापरिषद के मुख्यकार्यपालन अधिकारी, जिला पुलीस अधिक्षक,तथा जिलापरिष अध्यक्ष के उपस्थित में या मंजूरी से जिले के जिलाधिकारी केअध्यक्षता में कुल 134 कमेटीयों कीहोती है . साथ ही जिला स्तर के 18कमेटी होती है. इसी प्रकार जिलास्तर पर अशासकिय सदस्यों के रूप मे44कमेटीयों को मिलाकर कुल196 समितीयों का गठण अपेक्षित होता है. पर महाविकास आघाडी सरकार द्वारा अब तक अपने अपने कार्यकर्ताओं को भी शासकिय कमेटीयों के अशासकिय सदस्य ती भी नियुक्ती नही की जा सकी है.
अब, सेना, रा का, कांग्रेस निर्वाचीत विधायकों तथा पालकमंत्री के माध्यम से जिला तथा तहसील स्तर के कमेटीयों पर कार्यकर्ताओं की नियुक्ती कर कार्यकर्ताओं को भी जन विकास की समस्याओं को सुचारू करने तथा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम जनतातक पहूंचाकर सर्व सामान्य जनता को लाभान्वित किये जाने के लिये कमेटीयों को स्थापित किया जाय यह कार्यकर्ताओं की मांग है.
अशासकिय समितीयाॅ-
बीजली वितरण कंपनी जिला समीती, दहेजप्रथा(हुंडाविरोधी निर्मूलन) निर्मुलन जिला दक्षता समिती, जिला सैनिक
,आरोग्य ,सैनिक कल्याण मंडल, राष्ट्रिय बायोगैस विकास समन्वय समिती, जिला ग्राहक विकास यंत्रणा नियमन मंडल, जिवनावश्य वस्तु वितरण प्रणाली देखभाल समिती, रोजगार हमी योजना, जिला स्वातंत्र्य सैनिक गौरव समिती, हुतात्मा स्मारक समिती, भ्रष्टाचार निर्मूलन समिती,अश्पृश्यता निर्मुलन समीती, वृद्ध साहीत्यक, कलाकार मानधन समिती, पेयजल आपूर्ती, पिछडावर्ग छात्रावास निरिक्षण समिती, उद्योग निरिक्षण समीती, वेड बिगार पद्धती निर्मुलन समीती, बालकामगार प्रथानिर्मूलन, शराब की अवैध निर्मिती तथा यातायात देखभाल समिती, फलोद्यान विकास समीती, पर्यावरण संतुलन समीती, अपंग कल्याण तथा पुनरवन, मार्ग परीवहन (एस टी महामंडल) नियंत्रण समीती, धरणग्रस्त समीती,लोकसंख्या नियंत्रण समीती, उद्योग केंद्र सल्लागार समीती, कारागृह अभीविक्षक मंडल, ग्राहकहक्क संरक्षण, शिक्षण सल्लागार, खादि ग्रामोद्योग, सफाई कामगार पुनरवसन, अंधत्व निवारण, बोगस डाक्टर प्रतिबंध अल्पसंख्याक विकास, महामार्ग विभागीय सल्लागार, पोलीस जनता संपर्क, विधीसेवा प्राधिकरण, जिला आत्मा समीती, व्यसन मुक्ती तथा अन्य समितीयों पर अशासकिय नियुक्तीयों के इंतजार में कार्यकर्ता है पर विगत एक वर्ष में अब तक निराशा ही हांथ लगी है. हो सकता है कोरोना महामारी के चलते इनकी नियुक्तीया ना हो पाई हो और आगे भी जब तक वैश्विक महामारी कोरोना समाप्त नही होती तब तक सेना, राका, तथा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को अशायकिय कमेटीयों पर नियुक्तीयों का इंतजार ही करना पड सकता है.